राजधानी पटना में 7200 पुलिसकर्मी, RAF-CRPF की 16 बटालियन दुर्गा पूजा के लिए तैनात
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, 30 सितंबर 2025: बिहार की राजधानी पटना में शारदीय दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व और बहुस्तरीय इंतजाम किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के सीधे पर्यवेक्षण में, पूरे जिले में 4000 से लेकर 7200 तक पुलिसकर्मियों की एक विशाल टुकड़ी को तैनात किया गया है।
सुरक्षा बल का मोर्चाबंदी और तैनाती
प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है, जिसमें विशेष बलों की तैनाती शामिल है:
* विशेष बटालियनों की तैनाती: नियमित पुलिस बल के अतिरिक्त, सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए 16 बटालियन (या कंपनी) अतिरिक्त सशस्त्र बलों को सड़कों पर उतारा गया है। इन बटालियनों में शामिल हैं:
* रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF): भीड़ नियंत्रण और त्वरित आपात प्रतिक्रिया के लिए तैयार।
* केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF): महत्वपूर्ण स्थानों पर मजबूत उपस्थिति और गश्त के लिए तैनात।
* बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (BSAP): ये बल स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग कर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
* अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर फोकस: पटना और पटना सिटी के सभी संवेदनशील इलाकों और भीड़-भाड़ वाले पूजा पंडालों को सुरक्षा घेरे में लिया गया है। इन क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे गश्त कर रहे हैं।
तकनीकी और गुप्तचर निगरानी
सुरक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए हाई-टेक निगरानी उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है:
* ड्रोन और सीसीटीवी: भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की हवाई निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का व्यापक उपयोग हो रहा है, जिससे प्रशासन को दूर से ही किसी भी असामान्य गतिविधि पर नज़र रखने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, प्रमुख चौराहों और पूजा स्थलों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
* सादे कपड़ों में तैनाती: अफवाह फैलाने वालों और उपद्रवियों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में गुप्त रूप से तैनात किया गया है। यह कदम गुप्तचर (इंटेलिजेंस) जुटाने और त्वरित कार्रवाई करने के लिए महत्वपूर्ण है।
एसएसपी ने सभी नागरिकों से सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि शांति भंग करने या धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


