
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के साथ वट सावित्री व्रत का पावन पर्व पटना सिटी में आज (सोमवार, 26 मई 2025) धूमधाम और अगाध श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहर के विभिन्न मंदिरों और वट वृक्षों के नीचे सुहागिन महिलाओं का तांता लगा रहा, जिन्होंने पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।

श्रद्धा और उत्साह से लबरेज माहौल
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को पड़ने वाला यह व्रत इस वर्ष विशेष शुभ मुहूर्त में मनाया गया, जिससे महिलाओं में और भी उत्साह देखने को मिला।

पटना घाट, कंगन घाट और चौक शिकारपुर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थानों पर स्थित वट वृक्षों के चारों ओर महिलाओं ने कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा की और अपने पतियों के लिए सुख-समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना की। इस दौरान मंदिरों में भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।


पौराणिक कथा का श्रवण और वट वृक्ष का महत्व
पूजा के दौरान महिलाओं ने स्थानीय पंडित, चौक शिकारपुर स्थित गौरी शंकर मंदिर के पुजारी बाबा हीरानंद झा से सावित्री-सत्यवान की पौराणिक कथा का श्रद्धापूर्वक श्रवण किया। बाबा हीरानंद झा ने कथा के माध्यम से देवी सावित्री के पतिव्रता धर्म और निष्ठा का वर्णन किया, जिन्होंने यमराज से अपने पति के प्राण वापस ले लिए थे। उन्होंने बताया कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए इस वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। महिलाएं पूजा सामग्री जैसे रोली, चंदन, अक्षत, फल, फूल, मिठाई और दीपक लेकर भक्तिभाव से पूजा स्थल पर पहुंचीं।
अटूट आस्था और प्रेम का प्रतीक


श्रीमती अर्चना कुमारी, सुमन झा और अंजली कुमारी जैसी कई महिलाओं ने बताया कि वे हर साल यह व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती हैं और उन्हें इस व्रत से आत्मिक शांति मिलती है। यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति और प्रेम का अनुपम प्रतीक माना जाता है। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर पर्व की शुभकामनाएं दीं और आपस में प्रेम और सौहार्द का संदेश साझा किया। पूरे पटना सिटी में वट सावित्री व्रत की धूम देखने को मिली, जो भारतीय परंपरा और आस्था का एक अनुपम उदाहरण पेश करती है।


