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2 दिन तांडव के बाद अब शांति, हिंसा में IRS अधिकारी की मौत, अस्पताल के मुर्दा घर पहुंचे 36 शव।

24CityLive:दिल्ली डेस्क:मणिपुर में हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने इंफाल में तैनात आयकर विभाग के एक अधिकारी को उनके आधिकारिक आवास से ‘बाहर घसीटा’ और उनकी हत्या कर दी.

भारतीय राजस्व सेवा (IRS) एसोसिएशन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. IRS एसोसिएशन ने ट्वीट किया, ‘भारतीय राजस्व सेवा संगठन इंफाल में हिंसा के कायरतापूर्ण कृत्य और उसमें आयकर सहायक लेतमिनथांग हाओकिप की हत्या की कड़ी निंदा करता है.’

IRS एसोसिएशन ने कहा, ‘ड्यूटी पर तैनात एक निर्दोष जन सेवक की हत्या को, कोई वजह या विचारधारा न्यायोचित नहीं ठहरा सकती. मुश्किल की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.’ भारतीय राजस्व सेवा संगठन ने हाओकिप की एक तस्वीर भी पोस्ट करते हुए कहा कि ‘उन्हें बदमाशों ने इंफाल में उनके आधिकारिक आवास से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी.’ यह एसोसिएशन आयकर विभाग के कर्मियों की अखिल भारतीय संस्था है.



आपको बता दें कि मणिपुर में 3 और 4 मई की रात जातीय संघर्ष चरम पर रहा. भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बाद राज्य में शांति स्थापित हो सकी. कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए राज्यपाल को दंगाइयों को ‘देखते ही गोली मारने’ का आदेश देना पड़ा. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि हिंसाग्रस्त इलाकों से कुल 13,000 लोगों को बचाया गया है और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. वहीं घाटी के आसपास के विभिन्न पहाड़ी जिलों में कल सुबह के समय जनजातीय समूहों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें भी आती रहीं, लेकिन तब से वहां शांति का माहौल बना हुआ है.
स्थानीय सूत्रों की मानें तो मेइती और जनजातीय समुदायों के बीच आपसी संघर्ष में 36 के करीब लोग मारे गए हैं और 100 के करीब घायल हुए हैं. हालांकि, मणिपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया कि शुक्रवार रात हिंसा के शिकार बताए गए कुल 36 शवों को इम्फाल पश्चिम जिले के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मुर्दाघर में लाया गया. गोली लगने से घायल कई लोगों का इलाज रिम्स और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा है. मणिपुर में भारतीय सेना, असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स के लगभग 10,000 सैनिक तैनात हैं. राज्य इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती समुदाय और पहाड़ी जिलों के निवासी नागा और कुकी आदिवासियों के बीच संघर्ष से हिल गया है.

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