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अहमदाबाद में अमित शाह का सहकारिता महासम्मेलन: ‘विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका’ पर जोर


24CITYLIVE/अहमदाबाद: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद में गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा आयोजित “विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका” महासम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सहकार से समृद्धि और विकसित भारत:


अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2021 में शुरू किए गए ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘विकसित भारत में सहकारिता की भूमिका’ के सूत्र को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2025 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, और भारत ने इस आंदोलन को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है।


सहकारिता क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता:
शाह ने जोर दिया कि सहकारिता क्षेत्र में हुए परिवर्तनों का लाभ जब तक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) और किसानों तक नहीं पहुंचता, तब तक यह क्षेत्र मजबूत नहीं हो सकता। उन्होंने सहकारी संस्थाओं में जागरूकता, प्रशिक्षण और पारदर्शिता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष और भारत सरकार की पहल:
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान ‘साइंस ऑफ कोऑपरेशन’ और ‘साइंस इन कोऑपरेशन’ पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने ‘कोऑपरेशन अमंगस्ट कोऑपरेटिव्स’ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि सहकारी संस्थाओं का कामकाज सहकारी संस्थाओं के साथ ही हो सके।

PACS का विस्तार और नई नीतियाँ:
शाह ने घोषणा की कि मोदी सरकार 2029 तक देश की हर पंचायत में PACS की स्थापना करेगी, जिसके तहत 2 लाख नई PACS और डेयरी रजिस्टर्ड की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही लिक्विडेशन में गई PACS के निपटारे और नए PACS के लिए नीतियाँ लाएगी।
सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए तीन स्तंभ:

अमित शाह ने सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए तीन स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया:
* सहकारिता को शासन के मुख्य प्रवाह का हिस्सा बनाना।
* प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता और प्रमाणिकता लाना।
* अधिक से अधिक नागरिकों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ना।
त्रिभुवन कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी और प्रशिक्षण:
शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने त्रिभुवन कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी की स्थापना की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करेगी। यह विश्वविद्यालय सहकारिता से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
सहकारिता क्षेत्र में नई शुरुआत:
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में कई नई शुरुआत होने जा रही हैं। उन्होंने सभी से अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में जागरूकता बढ़ाने, पारदर्शिता लाने और सहकारी ढांचे को मजबूत करने का आह्वान किया।

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