
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/ब्यूरो/पटना: 20 मई 2025 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक कर संभावित बाढ़ और सुखाड़ (सूखा) से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को इस महीने के अंत तक सभी तैयारियां पूरी करने के सख्त निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक भी इस महत्वपूर्ण बैठक से जुड़े रहे।
मॉनसून पूर्वानुमान और तैयारियों का विस्तृत ब्यौरा
विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रत्यय अमृत ने बिहार मौसम सेवा केंद्र द्वारा तैयार किए गए मॉनसून 2025 के पूर्वानुमान की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जून माह में सामान्य से कम वर्षापात होने की संभावना है, जबकि जुलाई, अगस्त और सितंबर में सामान्य वर्षा हो सकती है। कुल मिलाकर, जून से सितंबर की अवधि में राज्य में सामान्य वर्षापात की उम्मीद है।
अमृत ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं और सभी जिलों तथा संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। तैयारियों में नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री, दवाएं, पशु चारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स / फूड पैकेट्स, और जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (DEOCs) जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री के निर्देश पर संचालित सामुदायिक रसोई की देशव्यापी प्रशंसा का भी उल्लेख किया।

जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, संतोष कुमार मल्ल ने भी अपने विभाग द्वारा संभावित बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिए की गई तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नवंबर 2005 से पहले आपदा प्रबंधन पर ठीक से काम नहीं होता था। उनकी सरकार बनने के बाद 2007 की भीषण बाढ़ और 2008 की कोसी त्रासदी जैसी बड़ी आपदाओं से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्वास कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि 2016 से बाढ़ प्रभावित परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 2023 में 7,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, बाढ़ और अन्य आपदाओं में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को 4 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वे स्वयं लगातार बाढ़ और सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर और हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से स्थिति का जायजा लेते हैं ताकि लोगों को कोई समस्या न हो। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया।

आगामी कार्ययोजना और निगरानी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस महीने के अंत तक सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा:
* जिलाधिकारी और विभागीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर स्थिति का आकलन करें और लोगों से बात कर समस्याओं का समाधान करें।
* सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत समय पर की जाए।
* नदी के तटबंधों की सुरक्षा की पूरी तैयारी की जाए ताकि कहीं पर तटबंध टूटने की घटना न हो।
* बाढ़ की स्थिति में लोगों के इलाज और पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
* फसल क्षति की स्थिति में किसानों की सहायता के लिए पूरी तैयारी की जाए।
* आपदा प्रबंधन विभाग लगातार तैयारियों की मॉनिटरिंग करे।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों को जून के प्रथम सप्ताह तक अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बैठक करने, वस्तुस्थिति की जानकारी लेने और समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए सभी को पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैद रहना होगा, तभी आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी।

बैठक में उपस्थित प्रमुख हस्तियाँ
बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित कई कैबिनेट मंत्री, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और सदस्यगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रधान सचिव, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के पदाधिकारी, तथा बिहार मौसम सेवा केंद्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।