24CITYLIVE/न्यूज़ डेस्क:बिहार के मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के बांकी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा (45) रविवार को मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के हमले में शहीद हो गए। हमले में एक अन्य पुलिसकर्मी घायल है।
यह घटना मणिपुर के जिरीबाम जिले के जिरीबाम थाने के मोंगबुंग गांव के समीप हुई। शहीद सीआरपीएफ जवान सीटी/डीवीआर अजय कुमार झा 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे।
घटना रविवार सुबह उस वक्त हुई जब टीम शनिवार को हुई गोलीबारी से संबंधित सर्च ऑपरेशन के लिए मोनबुंग गांव की तरफ जा रही थी। शहीद जवान बांकी गांव निवासी हरिश्चंद्र झा तथा ठकनी देवी के पुत्र हैं। उनकी पत्नी अन्नू देवी अपने दो पुत्र व एक पुत्री संग मुजफ्फरपुर के सीआरपीएफ के झपहा कैम्प स्थित आवास में रहती हैं।
सीआरपीएफ जवान के सिर में उस वक्त कुकी उग्रवादियों ने गोली मार दी जब वे वाहन चला रहे थे। जैसे ही सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा के शहीद होने की खबर गांव बांकी पहुंची तो सभी सन्न रह गए।
झंझारपुर के एसडीपीओ पवन कुमार ने सीआरपीएफ जवान अजय के शहीद होने की पुष्टि की है। एसडीपीओ ने बताया कि सीआरपीएफ के डीजी के द्वारा मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को इस आशय की सूचना दी गई है। जो जानकारी उन्हें शाम में आरक्षी अधीक्षक मधुबनी के द्वारा दिया गया है। शहीद जवान का शव गांव पहुंचने के बाद पुलिस ऑनर सहित सभी सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पत्नी अन्नु देवी मुजफ्फरपुर में रहती हैं
शहीद जवान अजय कुमार झा की पत्नी अन्नू देवी अपने दो पुत्र व एक पुत्री संग मुजफ्फरपुर स्थित सीआरपीएफ कैम्प झपहा में आवास में रहती हैं। बड़ा पुत्र अमन कुमार झा(21) पटना में ग्रैजुएशन का छात्र है। जबकि पुत्री साक्षी कुमारी(12) वर्ग सात में पढ़ती है। वहीं छोटा पुत्र उषाकर झा(10) क्लास छह में पढ़ता है।
सोमवार को अजय छुट्टी में गांव के लिए लौटने वाले थे
शहीद सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा मणिपुर से सोमवार को गांव के लिए आने वाले थे। पिता हरिश्चंद्र झा ने बताया कि कुछ दिन पहले ही अजय बताया था कि बाबूजी गांव आ रहा हूँ। छुट्टी मिल गई है। मगर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। वह देश के लिए शहीद हो गया। यह कहकर शहीद के पिता फफक-फफक कर रोने लगे।
झंझारपुर के एसडीपीओ पवन कुमार ने सीआरपीएफ जवान के शहीद होने की पुष्टि की है। एसडीपीओ ने बताया कि सीआरपीएफ के डीजी के द्वारा मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को इस आशय की सूचना दी गई है। यह जानकारी उन्हें शाम में आरक्षी अधीक्षक मधुबनी के द्वारा दिया गया है। शहीद जवान का शव गांव पहुंचने के बाद पुलिस ऑनर सहित सभी सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पत्नी और बच्चे पहुंचे गांव में
शहीद जवान की पत्नी अन्नु देवी मुजफ्फरपुर से गांव बांकी पुत्र व पुत्री संग रात नौ बजे पहुंची। जैसे ही पत्नी पुत्र व पुत्री संग गांव पहुंची कि परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। माहौल गमगीन हो गया। घटना की जानकारी के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंचे।
असम के डिब्रूगढ़ में सीआरपीएफ में थी तैनाती
बांकी गांव निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा असम के डिब्रूगढ़ में 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे। शहीद के पिता हरिश्चन्द्र झा ने बताया कि पांच दिन पहले ही उनकी टीम को मणिपुर राज्य के जिरीबंग जिले में भेजा गया था। जहां जिरीबंग थाने के मोंगबुंग गांव के पास कुकी उग्रवादियों के हमले में अजय शहीद हो गए। शहीद सीआरपीएफ जवान सीटी/डीवीआर अजय कुमार झा 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे।
बच्चों को टॺूशन पढ़ा कर जारी रखी पढ़ाई
प्रखंड के बांकी गांव निवासी शहीद जवान अजय कुमार झा सीआरपीए़फ की नौकरी 2004 में शुरू की थी। अजय झा की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। मैट्रिक उन्होंने जवाहर उच्च विद्यालय मधेपुर से किया था। जबकि उन्होंने हर्षपति सिंह महाविद्यालय मधेपुर से स्नातक की डिग्री ली थी। उनके पिता हरिश्चन्द्र झा तथा ग्रामीण बताते हैं कि अजय की शुरू से ही देश सेवा करने की इच्छा थी। गरीब परिवार में जन्म लिए अजय की चाहत थी कि वह शीघ्र नौकरी प्राप्त कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सबल करे। उन्होंने छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई जारी रखी। देश सेवा की चाहत को लेकर शहीद अजय इंटर करने के बाद ही दौड़-धूप शुरू कर दिए थे। जबकि ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें सीआरपीएफ की नौकरी लगी।