
24CITYLIVE: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सफल चंद्रयान-3 मिशन के बाद आगे की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर काम कर रही है। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी भविष्य के मिशनों के लिए विभिन्न संभावनाएं तलाश रही है, जिसमें एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और लंबी अवधि की मानव अंतरिक्ष उड़ान भी शामिल है।
सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए कैसे फायदेमंद बन सकता है। 
सफल चंद्रयान-3 मिशन 
चंद्रयान-3 मिशन वाले विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसने भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाई पहुंचा दिया है। मिशन 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था और 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर एक सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब रहा। इस उपलब्धि के बाद इसरो अब गगनयान कार्यक्रम के जरिए अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है, जो अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।
इसरो की निगाहें अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर
एस सोमनाथ ने बताया कि हमारी योजना है कि निकट भविष्य में हमें एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शुरू करना चाहिए और रोबोटिक संचालन से शुरुआत करनी चाहिए। हमारे पास अभी भी मानवयुक्त उड़ान क्षमता नहीं है, और हम इस पर काम कर रहे हैं। गगनयान कार्यक्रम मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता की ओर है, और एक बार ऐसा होने पर हम अगले 20-25 साल बाद मॉड्यूल में स्पेस स्टेशन के निर्माण को देख पाएंगे। 
मानवयुक्त मिशन पर नजर 
एस सोमनाथ ने यह भी बताया कि इसरो अपने भविष्य के एजेंडे के हिस्से के रूप में मानवयुक्त मिशन और लंबी अवधि की मानव अंतरिक्ष उड़ान पर काम कर रहा है। मिशन में सफल होने पर भारत, अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जो पहले ही मानव अंतरिक्ष उड़ान में अपनी मौजूदगी स्थापित कर चुके हैं। सफल चंद्रयान-3 मिशन के साथ इसरो ने मुश्किल मिशनों को पूरा करने की अपनी क्षमता साबित कर दी है जिससे भविष्य में और अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का रास्ता साफ हो गया है।
 
				