
24CITYLIVE/बगहा: न्याय में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए, बगहा न्यायालय ने पटना के कदमकुआं थाने के थानाध्यक्ष अजय कुमार को गिरफ्तार कर आगामी 3 जून को कोर्ट में पेश करने का आदेश बगहा एसपी को जारी किया है। यह आदेश जिला जज-चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड के एक मामले में थानेदार द्वारा लगातार 22 तारीखों से गवाही न दिए जाने के कारण जारी किया है।
न्याय में बाधा डालने का गंभीर आरोप
मामला 5 जून 2023 को धनहा थाना क्षेत्र में बनारसी यादव की मां झलरी देवी और चाचा पहवारी यादव की सरेआम हुई हत्या से जुड़ा है। इस जघन्य हत्याकांड में पुलिस ने कमल यादव और अमला यादव को जेल भेजा है, जबकि एक अन्य अभियुक्त हीरा यादव की हाजिरी थी। पीड़ित पक्ष अभी भी न्याय की उम्मीद में कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है।
पटना उच्च न्यायालय ने क्रिमिनल मिसलेनियस संख्या 29489/2025 में 20 जून 2025 तक इस मामले का स्पीडी ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया है, लेकिन अनुसंधानकर्ता अजय कुमार की अनुपस्थिति के कारण ट्रायल में बाधा आ रही है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी और चेतावनी
जिला जज-चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने थानाध्यक्ष अजय कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अनुसंधानकर्ता को साक्ष्य देने के लिए निर्धारित तिथि से अवगत कराया जा चुका है, बावजूद इसके, पिछले 22 तिथियों में दोहरे हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध में अनुसंधानकर्ता का उपस्थित न होना या अभियोजन द्वारा प्रस्तुत न करना, यह अभियोजन के अपने कर्तव्य के प्रति उदासीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पुलिस पदाधिकारी और अभियोजन पदाधिकारी के इस कृत्य से न्याय का उद्देश्य विफल हो सकता है, जिसकी जवाबदेही उन्हीं की होगी। कोर्ट ने बगहा एसपी को चेतावनी भी दी है कि अगर 3 जून को थानेदार को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो डीजीपी और पटना हाईकोर्ट को पुलिस की इस उदासीनता पर रिपोर्ट किया जाएगा।
बार-बार सूचना देने के बावजूद अनुपस्थिति
बचाव पक्ष के अधिवक्ता भोला यादव ने कोर्ट को बताया कि यह मामला 14 मार्च 2024 से अभियोजन साक्ष्य के लिए लंबित है। इस वाद में कुल नौ गवाह हैं, जिनमें से आठ की गवाही हो चुकी है, केवल अनुसंधानकर्ता की गवाही बाकी है। आठ अक्टूबर 2024 के बाद से 22 तिथियों से अनुसंधानकर्ता का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कोर्ट से साक्ष्य का अवसर समाप्त करने की अपील की।
वहीं, अभियोजन पदाधिकारी मन्नू राव ने कोर्ट से एक और अवसर देने की मांग करते हुए कहा कि आइओ अजय कुमार पटना के कदमकुआं में पदस्थापित हैं और उन्हें पूर्व में भी सूचित किया गया था, पर वे उपस्थित नहीं हो रहे हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, कोर्ट ने थानेदार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया।
इस आदेश से स्पष्ट है कि न्यायालय न्याय में देरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।