
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, बिहार: 20 जून, 2025 – बिहार सरकार ने संगठित अपराधों के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित की गई अकूत संपत्ति पर लगाम कसने के लिए बड़ा अभियान छेड़ दिया है। राज्य के 52 बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन अपराधियों का पूरा विवरण प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजा है ताकि उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत सख्त कार्रवाई की जा सके।
ईडी को भेजे गए 52 प्रस्ताव, कई पर कार्रवाई शुरू
EOU ने 2020 से अब तक अलग-अलग चरणों में ED को कुल 52 प्रस्ताव भेजे हैं। इन प्रस्तावों में परमादी मिलर, बालू माफिया, शराब तस्कर, साइबर अपराधी, जमीन माफिया, ठग और नक्सली जैसी विभिन्न श्रेणियों के कुख्यात अपराधी शामिल हैं। EOU के एडीजी नैयर हसनैन खान के अनुसार, इनमें से एक दर्जन से अधिक मामलों पर प्रवर्तन निदेशालय ने एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज कर कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
शराब तस्करों की सबसे ज्यादा संपत्ति निशाने पर
जिन अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा गया है, उनमें सर्वाधिक 18 शराब के अवैध कारोबार में शामिल तस्कर हैं। इन सभी की 18 करोड़ 49 लाख रुपये की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव है। यह इनकी अवैध संपत्ति का सरकारी मूल्य है, जिसका बाजार मूल्य इससे कहीं अधिक होने का अनुमान है।
इसके बाद, 10 बालू माफियाओं और हत्या, रंगदारी, इंट्री माफिया समेत अन्य अपराधों में शामिल 10 बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव है। इन दोनों श्रेणियों के अपराधियों की कुल 23 करोड़ 85 लाख रुपये की संपत्ति दांव पर लगी है।
अन्य श्रेणियों के अपराधियों की संपत्ति का ब्योरा
ED को भेजे गए प्रस्तावों में शामिल अन्य अपराधियों और उनकी संपत्ति का विवरण इस प्रकार है:
* 2 प्रमादी मिलर: 2 करोड़ 69 लाख रुपये
* 4 नक्सली: 2 करोड़ 17 लाख रुपये
* 1 जाली नोट तस्कर: 30 लाख रुपये
* 2 गांजा तस्कर: 1 करोड़ 63 लाख रुपये
* 1 साइबर अपराधी: 86 लाख रुपये
* 3 जमीन माफिया: 4 करोड़ 93 लाख रुपये
* 1 ठग: 2 करोड़ 3 लाख रुपये
विधायक समेत कई कुख्यात शामिल
जिन कुख्यात अपराधियों की संपत्ति PMLA के अंतर्गत जब्त करने के लिए भेजा गया है, उनमें विधायक से लेकर अन्य बड़े अपराधी शामिल हैं। भोजपुर जिले के अगिआंव थाना क्षेत्र के लसाढ़ी गांव के रहने वाले विधायक अरुण यादव उर्फ अरुण सिंह भी इस सूची में हैं। उन पर हत्या, रंगदारी, बलात्कार, ठगी समेत कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं।
इसके अलावा, सूची में शामिल कुछ अन्य प्रमुख नाम हैं: भोजपुर के पीरो थाना के कुख्यात शराब तस्कर धीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ धीरू, समस्तीपुर के ताजपुर का शराब तस्कर मुकेश सहनी, बांका के रजौन थाना का अवैध बालू खनन माफिया निलेश यादव और छोटू यादव, औरंगाबाद के कसमा का कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ प्रमोदजी उर्फ बनबिहारी, किशनगंज के बालुचक्का का वाहन पासिंग माफिया गुलाम मुस्तफा, बेगूसराय के लोहियानगर थाना का प्रमादी मिलर शंभू साह, बांका का बालू माफिया विभीषण यादव, नक्सली प्रवेश कुमार मिश्रा उर्फ प्रवेश मिश्रा उर्फ प्रवेश राय, लखीसराय के किऊल थाना का जीवन यादव, सहरसा के सौरबाजार का प्रमादी मिलर युवराज भगत, गया के इमामगंज का नक्सली ललन भोक्ता, गोपालगंज के फुलवरिया का शराब माफिया बसंत सिंह, गया के कोंच का नक्सली विजय कुमार आर्या, गया के बेलागंज का जाली कारोबारी प्रभात कुमार अग्रवाल, भोजपुर के कोईलवर का बालू माफिया सोनू खान, आरा के कोईलवर के महादेवचक सेमरियां का बालू माफिया विदेशी राय, मधुबनी के फुलपरास के सिसवा बरही का अपराधी सुनील कुमार यादव, पटना के फतुहा थाना के कच्ची दरगाह का गांजा तस्कर राजकुमार राय, मधुबनी के बाबूबहरी थाना के सर्रा का जालसाज या ठग मनोज झा, पटना के खुशरूपुर थाना के कासिमपुर पंचरुखिया का जमीन माफिया संजय कुमार उर्फ संतोष कुमार, और पटना के दानापुर के नया टोला का रहने वाला भू-माफिया पारस राय।
एडीजी, ईओयू, नैयर हसनैन खान ने बताया, “नक्सली, अपराधी, माफिया समेत अन्य सभी कुख्यात अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने के लिए 52 अपराधियों की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव ईडी को भेजा गया है। कईयों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।” यह कार्रवाई राज्य में अपराध की जड़ों पर प्रहार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।