
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, बिहार: भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पूर्व अंचलाधिकारियों (सीओ) के ठिकानों पर छापेमारी की। पटना, वैशाली, आरा और बेगूसराय में की गई इन छापों में आय से अधिक संपत्ति के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं।
निगरानी की टीमों ने हाजीपुर सदर के तत्कालीन अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह और अंजय कुमार राय के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।
कृष्ण कुमार सिंह: 66 लाख से अधिक की आय से अधिक संपत्ति का मामला, पटना और आरा में छापेमारी
हाजीपुर सदर के तत्कालीन अंचलाधिकारी (सीओ) कृष्ण कुमार सिंह, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। निगरानी थाना कांड संख्या-039/2025, दिनांक 13.06.2025 को दर्ज इस मामले में लगभग 66,15,569/- (छियासठ लाख पन्द्रह हजार पाँच सौ उनहत्तर) रुपये के प्रत्यानुपातिक धनार्जन का आरोप है।
अनुसंधान के क्रम में, माननीय विशेष न्यायालय, निगरानी, पटना से प्राप्त सर्च वारंट के आलोक में, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को कृष्ण कुमार सिंह के पटना स्थित फ्लैट (नमिता इन्कलेव अपार्टमेंट, बैंक कॉलोनी, रूपसपुर) और आरा स्थित उनके पैतृक आवास (सकड्डी, थाना-कोईलवर, जिला-भोजपुर) पर तलाशी ली। छापेमारी के दौरान पूरे घर की गहन तलाशी ली जा रही है।
अंजय कुमार राय: 46 लाख से अधिक की आय से अधिक संपत्ति, 13 लाख के आभूषण बरामद, पटना और बेगूसराय में छापेमारी
इसी कड़ी में, प्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित एक अन्य मामले में, निगरानी थाना कांड संख्या-040/2025, दिनांक 13.06.2025 के प्राथमिकी अभियुक्त अंजय कुमार राय, जो हाजीपुर सदर के तत्कालीन अंचलाधिकारी थे और अब सेवानिवृत्त हैं, उनके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है। अंजय कुमार राय पर लगभग 46,43,279/- (छियालीस लाख तेतालीस हजार दो सौ उनासी) रुपये के प्रत्यानुपातिक धनार्जन का आरोप है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने अंजय कुमार राय के पटना स्थित दो ठिकानों और बेगूसराय स्थित उनके पैतृक आवास (समसीपुर दियारा, बछवाड़ा) पर तलाशी अभियान चलाया। इस तलाशी के दौरान, पटना के बुद्धा कॉलोनी थानांतर्गत हॉस्पिटों इंडिया बम्भोर पैलेस, फ्लैट नं0-202 से लगभग 13,00,000/- (तेरह लाख) रुपये के आभूषण बरामद किए गए हैं।
दोनों पूर्व अंचलाधिकारियों के ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी अभी भी जारी है, और अधिकारियों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई में और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी महकमों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।