
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, 12 जून, 2025 :बिहार में अपराधियों तक अवैध हथियारों और कारतूसों की पहुंच रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक बड़ी रणनीति बनाई है। अब प्रदेश में 80 हजार लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन किया जाएगा, ताकि अवैध सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ा जा सके और लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग रोका जा सके।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इस सत्यापन में यह देखा जाएगा कि हथियार चलाने वाला व्यक्ति योग्य है या नहीं। ज्यादा उम्र वाले या बुजुर्गों के लाइसेंस रद्द भी हो सकते हैं। सभी लाइसेंसों को केंद्र सरकार के पोर्टल ‘एनडीएएल-एएलआइएस’ पर पंजीकृत होना अनिवार्य होगा। जिन हथियारों का यूनिक कोड नहीं होगा, वे अवैध माने जाएंगे।
एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्ण ने बताया कि यह सत्यापन चुनाव से पहले शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर से जारी किए गए लाइसेंस पहले ही अवैध घोषित किए जा चुके हैं।
गोली खरीदने के नियमों में भी सख्ती लाई गई है। अब लाइसेंसधारक सालाना 200 की जगह सिर्फ 85 गोली ही खरीद पाएंगे, और एक बार में अधिकतम 25 राउंड। ज्यादा गोली खरीदने से पहले पुरानी गोलियों के खोखे जमा करने होंगे। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई लाइसेंसधारक बड़ी संख्या में गोलियां खरीदकर उन्हें काला बाजार में बेच देते हैं, जिससे अपराधियों को अवैध कारतूस मिलते हैं।
प्रदेश की 85 लाइसेंसी आर्म्स दुकानों की भी गहन जांच होगी। उनके रजिस्टर खंगाले जाएंगे ताकि पता चल सके कि हथियारों और कारतूसों की बिक्री में कोई गड़बड़ी तो नहीं हो रही। इस पूरी मुहिम से बिहार में कानून-व्यवस्था और मजबूत होगी।