24CITYLIVE/पटना:बिहार में एक साथ 410 पुलिस पदाधिकारियों का ऐच्छिक तबादला किया गया है। इसमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
बिहार पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित स्थानांतरण समिति ने इसकी स्वीकृति दी है।
2 साल से कम सेवा वाले पुलिसकर्मियों का किया गया ट्रांसफर
ये वैसे पुलिसकर्मी हैं, जिनकी सेवा दो साल से भी कम बची है। रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके इन पुलिसकर्मियों को नियम के आधार पर स्वैच्छिक या गृह जिले में पदस्थापित किया गया है। वहीं, ऐसे 76 आवेदनों को अस्वीकृत भी किया गया है।
गृह जिले में होगा पदस्थापना
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इन पुलिसकर्मियों के पदस्थापन व स्थानांतरण को लेकर क्षेत्रीय पुलिस कार्यालयों के माध्यम से अनुशंसा ली गयी थी। मुख्यालय की बैठक में एक वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले पदाधिकारी-कर्मियों को स्वैच्छिक स्थान पर जबकि दो वर्ष या उससे कम की सेवानिवृत्त अवधि वाले पदाधिकारी-कर्मियों को गृह जिले में पदस्थापन किया गया है। जिन पुलिसकर्मियों ने सेवानिवृत्ति निकटता के आधार पर सिर्फ इकाई में पदस्थापन करने हेतु अनुरोध किया था, उनके अनुरोध को अस्वीकृत कर दिया गया है। सिर्फ एच्छिक व गृह जिला के आवेदनों पर विचार किया गया है।
192 पुलिस इंस्पेक्टरों के सेवा की संपुष्टि
वहीं पुलिस मुख्यालय ने 192 पुलिस इंस्पेक्टरों के सेवा की संपुष्टि कर दी है। यह पुलिस इंस्पेक्टर वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों व पुलिस इकाइयों में तैनात हैं। इन पुलिस पदाधिकारियों को 2010 से 2018 की अवधि में प्रोन्नति मिली थी। वहीं 43 पुलिस इंस्पेक्टरों की सेवा संपुष्टि के मामले को उन पर चल रही विभागीय व अन्य कार्यवाहियों को देखते हुए लंबित रखा गया है।
बिहार पुलिस का क्या काम होता है
अपराध नियंत्रण: बिहार पुलिस का एक प्रमुख कार्य अपराध को नियंत्रित करना और अपराधियों को पकड़ना है।
कानून और व्यवस्था बनाए रखना: बिहार पुलिस का एक अन्य प्रमुख कार्य राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखना है।
सामुदायिक पुलिसिंग: बिहार पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती है।
महिला सुरक्षा: बिहार पुलिस महिला सुरक्षा के लिए विशेष पहल करती है, जैसे कि लाडली पुलिस योजना।
यातायात प्रबंधन: बिहार पुलिस यातायात प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार है, जिसमें यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना और सड़क दुर्घटनाओं को रोकना शामिल है।
बिहार में बढ़ते अपराधो को लेकर पुलिस मुख्यालय एक्शन में हैं.नये डीजीपी विनय कुमार के आने के साथ ही एनकाउंटर शुरू हो गया है.अपराध नियंत्रण के लिए केन्द्रीय प्रतिनुक्ति से वापस बुलाये जानेवाले कुंदन कृष्णन ने अपराधियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है.लगातर एनकाउंटर जारी है.अब 410 पुलिस पदाधिकारियों का तबादला कर दिया गया है.सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मी शामिल हैं.
यह तबादला बिहार पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित स्थानांतरण समिति की स्वीकृति के बाद किया गया है. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इन पुलिसकर्मियों का तबादला गृह क्षेत्र में किया जाएगा जिससे इन्हें आने-जाने में परेशानी न हो.
ये वैसे पुलिसकर्मी हैं, जिनकी सेवा दो साल से भी कम बची है. रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके पुलिसकर्मियों को नियम के आधार पर स्वैच्छिक या गृह जिले में पदस्थापित किया गया है. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इन पुलिसकर्मियों के पदस्थापन व स्थानांतरण को लेकर क्षेत्रीय पुलिस कार्यालयों के माध्यम से अनुशंसा ली गयी थी. मुख्यालय की बैठक में एक वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले पदाधिकारी-कर्मियों को स्वैच्छिक स्थान पर जबकि दो वर्ष या उससे कम की सेवानिवृत्त अवधि वाले पदाधिकारी-कर्मियों को गृह जिले में पदस्थापन किया गया है.
पुलिस मुख्यालय ने 192 पुलिस इंस्पेक्टरों के सेवा की संपुष्टि कर दी है. यह पुलिस इंस्पेक्टर वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों व पुलिस इकाइयों में तैनात हैं. इन पुलिस पदाधिकारियों को 2010 से 2018 की अवधि में प्रोन्नति मिली थी. वहीं 43 पुलिस इंस्पेक्टरों की सेवा संपुष्टि के मामले को उन पर चल रही विभागीय व अन्य कार्यवाहियों को देखते हुए लंबित रखा गया है. कुंदन कृष्णन के अनुसार बिहार पुलिस का एक प्रमुख कार्य अपराध को नियंत्रित करना और अपराधियों को पकड़ना है.बिहार पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी.