24CITYLIVE:दुनिया में साइबर अपराधियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। देश ही नहीं, दुनिया भर में जामताड़ा के साइबर अपराधी कुख्यात रह चुके हैं। हालांकि अब इनकी संख्या देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ रही है।
साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए हरियाणा में पांच हजार पुलिसकर्मियों ने 14 गांव में 300 लोकेशन पर छापेमारी की है। इसकी जानकारी खुद पुलिस के आधिकारी ट्विटर हैंडल पर दी गई है।
पुलिस को क्या मिला?
हरियाणा पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि नूह में साइबर फ्रॉड पर पुलिस का बड़ा एक्शन। एक साथ 5000 पुलिसकर्मियों ने 14 गांव में 300 लोकेशन पर मारी रेड, 125 हैकर्स काबू। 65 फर्जी SIM सहित 66 स्मार्टफ़ोन, 166 आधारकार्ड, 3 लैपटॉप, 128 ATM कार्ड, 2 ATM स्वाइप मशीन, 1 AEPS मशीन, 6 स्कैनर, 5 पैन कार्ड जब्त हुए हैं।
ऐसे दिया गया रेड को अंजाम
जानकारी के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने गुरुवार देर रात 3 बजे से शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे के बीच में यह बड़ी धड़पकड़ की है। एसपी मेवात के नेतृत्व में 14 डीएसपी 6 एएसपी ने 102 रेडिंग टीमों के साथ रेड को अंजाम दिया। डीआईजी STF सिमरदीप सिंह ने बताया कि पहले अपराधियों और उनकी लोकेशन को चिन्हित किया गया था। 14 गावों के करीब 300 गाँव चिन्हित कर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद पांच हजार पुलिसकर्मियों की 100 टीमें बनाई गईं, जिन्होंने इस रेड को अंजाम दिया है।
सोशल मीडिया पर लोग इस पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@Gautamventure यूजर ने लिखा कि स्कैमर्स को हैकर्स मत कहो यार। @shaun_meo यूजर ने लिखा कि मोनू मानेसर के ख़िलाफ भी कुछ कर सकते हो या नहीं? आशिफ नाम के यूजर ने लिखा कि बहुत गरीब लोगों का पैसा इन जाहिल अनपढ़ लोगों ने लूटा है, पुलिस से रिक्वेस्ट है। ऐसे ही रेड लगातार करते रहिए ताकि इनकी अक्ल ठिकाने आए। साथ में इनको जिन्दगी भर के लिए जेल में डाल दें। इब्राहीम नाम के यूजर ने लिखा कि मेवात में अपराधी को बढ़ावा देने में मेवात की पुलिस प्रशासन का हाथ है। पुलिस प्रशासन को बहुत मोटी रकम मिलती है, इसके बदले में अक्सर जो आम आदमी हैं, उनको पुलिस पकड़ कर ले जाती है। एक यूजर ने लिखा कि बहुत ही सराहनीय कार्य, यह काम यहीं पर नहीं रुकना चाहिए, 1 महीने तक हर रोज ऐसी छापेमारी होगी तब जाकर मेवात से यह गंदगी साफ होगी। सचिन कौशिक ने लिखा कि शायद देश की सबसे बड़ी दबिश। एक अन्य यूजर ने लिखा कि कार्यवाही निष्पक्ष होनी चाहिए। दोषी बच ना पाएं और कोई निर्दोष ना फंसे। पैसे लेकर छोड़ा ना जाए। अगर छोड़ दिए तो अपराध बढ़ेगा बजाए घटने के।