24CITYLIVE:गया में बाघ की खाल के साथ तस्कर गिरफ्तार हुआ है. सशस्त्र सीमा बल के सहायक कमांडेंट रामवीर कुमार ने बताया कि वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता और एसएसबी की छापेमारी के दौरान ये सफलता मिली है.
बाघ के खाल की कीमत 20 लाख रुपये तक होती है.
गया: बिहार के गया में वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों की कार्रवाई में बाघ की खाल बरामद की गई है. बाघ की खाल के साथ मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तारी के बाद उक्त तस्कर से पूछताछ की जा रही है. माना जा रहा है कि लाखों में ‘बंगाल टाइगर’ की खाल की तस्करी का सौदा किया गया था. सोर्स के हवाले से बताया जाता है कि तकरीबन 20 लाख तक की कीमत में बाघ की खाल की तस्करी की जाती है और इस तरह की तस्करी करने का रैकेट फैला हुआ है. इस तरह से बाघ की खाल की अंतर्राज्यीय स्तर पर तस्करी में जुटे रैकेट द्वारा दुर्लभ होते बंगाल टाइगर का शिकार किया जा रहा है.
तस्करी की सूचना पर संयुक्त ऑपरेशन: अधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार सशस्त्र सीमा बल ई कंपनी बीबी पेसरा, वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट गया और गया के टिकारी थाना की पुलिस ने बंगाल टाइगर के बाघ की खाल की तस्करी की सूचना पर संयुक्त ऑपरेशन चलाया. इस संयुक्त ऑपरेशन में गया जिले के टिकारी थाना अंतर्गत ब्लॉक रोड के पास से एक ऑल्टो कार की घेराबंदी कर कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई के क्रम में गाड़ी से बाघ की खाल बरामद की गई. वहीं मौके से एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है.
वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता से मिली थी सूचना: जानकारी के अनुसार वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता से बाघ के खाल की तस्करी के संदर्भ में सूचना मिली थी. सूचना थी, कि तस्कर बाघ की खाल की डिलीवरी टिकारी थाना क्षेत्र में करने वाला है. इसी सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ने अपना जाल बिछाया और बाघ की खाल की तस्करी में जुटे तस्कर को दबोच लिया गया. मौके से बाघ की खाल की बरामदगी की गई है.
एसएसबी कमांडेंट और डीएफओ की निगरानी में चला ऑपरेशन: बताया जाता है कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 29वीं वाहिनी के कमांडेंट एचके गुप्ता और डीएफओ राजीव रंजन कुमार की निगरानी में यह संयुक्त ऑपरेशन चला और इसमें सफलता मिली. गिरफ्तार तस्कर गया के ही टिकारी का रहने वाला है, जिसकी पहचान कुंदन कुमार के रूप में की गई है. यह अपने रैकेट साथ मिलकर बाघ की खाल की तस्करी कर रहा था. वैसे सोर्स की मानें तो बाघ की खाल की तस्करी तकरीबन 20 लाख तक के ऊंचे दामों में तस्करों के रैकेट द्वारा की जा रही है.
फॉरेस्ट ऑफिस में मामला दर्ज: इस तरह से दुर्लभ होते बंगाल टाइगर के बाघ की खाल की तस्करी और इसके पीछे बड़ा रैकेट सक्रिय होने का खुलासा हुआ है. वहीं, इस मामले को लेकर तस्कर के ऊपर वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत फाॅरेस्ट ऑफिस गया में मामला दर्ज किया गया है. पहले भी दुर्लभ पैंगोलिन के स्केल बरामद किए गए थे. सशस्त्र सीमा बल 29वीं वाहिनी के द्वारा वन विभाग के साथ संयुक्त छापेमारी अभियान चलाकर गया जिले के बाराचट्टी के एरिया से दुर्लभ पैंगोलिन के स्केल बरामद किए गए थे.
एसएसबी कमांडेंट 29वीं वाहिनी एचके गुप्ता एवं डीएफओ गया राजीव रंजन कुमार की निगरानी में एक संयुक्त ऑपरेशन चला. इस ऑपरेशन में एसएसबी, वन्य प्राणी नियंत्रण ब्यूरो कोलकाता, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट गया एवं टिकारी थाना की पुलिस शामिल थी. यह संयुक्त ऑपरेशन सफल रहा और बाघ की खाल के साथ एक तस्कर को गया जिले के टिकारी ब्लॉक रोड के समीप से गिरफ्तार किया गया है”- रामवीर कुमार, सहायक कमांडेंट, एसएसबी बीबी पेसरा, गया