24CITYLIVE/Uttar Pradesh/ न्यूज़ डेस्क: गाजियाबाद के क्राइम ब्रान्च पुलिस ने रविवार को अवैध शराब की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के फरार शातिर शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह का मुख्य सरगना है। जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की बनी हुई शराब को आईसर कैन्टर में नीचे लोड करके उसके ऊपर खाद, नमक, मुर्गी के दाने इत्यादि की बोरियों को लाद बिहार ले जाता था।
एडीसीपी सच्चिदानन्द ने बताया कि 09दिसंबर को क्राइम ब्रान्च पुलिस ने चंडीगढ, पंजाब की अवैध अग्रेंजी शराब की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के 01 शातिर अन्तर्राज्यीय शराब तस्कर को अवैध शराब से भरी आईसर कैन्टर सहित थाना मधुबन बापूधाम गाजियाबाद क्षेत्र से गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की गयी थी । जिसमें आईसर कैन्टर में चंडीगढ, पंजाब से तस्करी कर लाई जा रही जो कुल 210 पेटी ईम्पीरियल ब्लू व ओल्ट हैबिट मार्का अवैध अग्रेजी शराब बरामद हुई थी । जिसमें शराब तस्करी करवाने वाला मुख्य अभियुक्त जिसकी शराब थी कैन्टर के साथ आई-20 से चल रहा था मौके से फरार गया था।
रविवार को घटना में वाँछित मुख्य शराब तस्कर नरेश यादव को थाना मधुबनबापू धाम क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में नरेश यादव ने पुलिस को बताया कि वह 8वीं पास है। पढाई छोड़ने के बाद वह खेतीबाडी का काम करने लगा, 4-5 वर्ष पहले वह पडोसी गाँव के रहने वाले विकास उर्फ पहलवान के सम्पर्क मे आया जो बिहार सरकार द्वारा अपने राज्य मे शराब की बिक्री बैन किये जाने के कारण हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश से अवैध शराब तस्करी करके बिहार सप्लाई करता था। जिसमें उसको काफी फायदा होता था । नरेश लालचवश विकास पहलवान के साथ अवैध शराब तस्करी का काम करने लगा तथा हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश से अवैध शराब को तस्करी करके बिहार पहुँचाने लगा। बिहार राज्य मे शराब तस्करी करने के प्रत्येक चक्कर मे जितना भी फायदा होता था दोनों आधा-आधा बाँट लेते थे तथा ड्राईवर को अलग से 25 हजार रूपये देते थे।
नरेश यादव पूर्व में गाजियाबाद से अवैध शराब की तस्करी में जेल जा चुका है। नरेश ने बताया कि अवैध शराब के साथ पकड़ा गया आयसर कैंटर विकास पहलवान ने खरीद रखा है। नरेश व विकास पहलवान हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की बनी हुई शराब को आईसर कैन्टर में नीचे लोड करके उसके ऊपर खाद, नमक, मुर्गी के दाने इत्यादि की बोरियों को लाद देते है और तिरपाल से ढककर बाँध देते है तथा ड्राईवर अशोक को जो उनका बहुत ही विश्वस्नीय ड्राईवर है को देते है । शराब से लदी गाडी को तस्करी के लिए लेकर चलने से पहले ये लोग अपने-अपने मोबाइल बन्द कर लेते है तथा नरेश व विकास पहलवान एक छोटी गाडी से आईसर कैन्टर के थोडा आगे या पीछे रहकर बिहार तक जाते है ।