
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: जिन थानों के बारे में अधिक शिकायत मिलेगी, उनकी जांच सीआईडी से करायी जाएगी। डीजीपी विनय कुमार ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है। जांच की शुरुआत भी पटना के जानीपुर थाना से कर दी गई है।
सीआईडी की एक टीम इस थाने में तैनात सभी पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करने में जुटी हुई है। पिछले कुछ महीनों के दौरान इन्होंने क्या किया, इसका पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में राज्य के कुछ और थानों की जांच होने जा रही है।
इनमें तैनात सभी पुलिसकर्मियों के स्तर से कितने केस में चार्जशीट दायर की गई है और कितने लंबित मामलों का निपटारा किया गया है, इसकी समुचित जांच होगी। डीजीपी के आदेश में किसी बड़े मामले की जांच एसपी या वरीय अधिकारी से कराने पर जोर दिया गया है।
साथ ही जिन जिलों में किसी बड़े आपराधिक गिरोह या संगठित गिरोह की सक्रियता अधिक है, वहां एसटीएफ एवं सीआईडी की टीम भेजकर पूरे गैंग का समूल सफाया किया जाएगा। पटना समेत कुछ अन्य जिलों के कई थानों के बारे में मुख्यालय को जमीन एवं शराब के अवैध कारोबार में मिलीभगत की सूचना मिली है, जिसकी जांच चल रही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि हाल ही में डीजीपी ने पटना के जानीपुर थाने का औचक निरीक्षण किया था। इसमें पाया गया है कि यहां इंस्पेक्टर, दारोगा समेत 25 पुलिस पदाधिकारी तैनात हैं। लेकिन मौके पर सिर्फ चार पदाधिकारी मिले, शेष छुट्टी पर या ड्यूटी के नाम पर गायब थे। सीआईडी ने शुरुआती जांच में पाया कि इतने पदाधिकारियों ने मिलकर एक महीने में महज 48 केसों का निपटारा किया है। लंबित मामलों की संख्या सैकड़ों में है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई तय है।