
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी का मामला उजागर हुआ है. पटना हाईकोर्ट और सचिवालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर युवाओं को छाला जा रहा था. साइबर थाना की पुलिस ने 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
अब तक यह गिरोह लगभग 50 लोगों को ठगी का शिकार बना चूका है.साइबर थाना के SHO पुलिस उपाधीक्षक राघवेंद्र मणि त्रिपाठी के अनुसार पकड़े गए साइबर ठगों के पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी बरामद किए गए हैं.
पटना हाईकोर्ट के नाम से मिलता जुलता मेल बनाया था, उसी मेल से मैसेज भेजा था. उन्हें प्रलोभन दिया जाता था. फिर नौकरी के नाम पर प्रॉपर कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग दी जाती थी. ट्रेनिंग सेशन लगभग दो महीने का होता था. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कुछ रुपए भी वेतनमान के तौर पर दिए जाते थे.पकड़े गए अपराधियों ने हाईकोर्ट, सचिवालय और रेलवे के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई गई थी. इसके जरिए कैंडिडेट्स को झांसा दिया जाता था.
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जब कैंडिडेट्स की ज्वाइनिंग नहीं हुई तो धीरे धीरे संदेह होने लगा. तब अभ्यर्थी सामने आने लगे. पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हो गई है. तब इसकी पुलिस में शिकायत की.जॉब दिलाने के नाम पर कैंडिडेट्स 8 से 10 लाख रुपए लिए जाते थे. इनसे कहा जाता था कि हाईकोर्ट में प्यून, क्लर्क की नौकरी लग जाएगी.पटना हाईकोर्ट के परिसर में बुलाकर फॉर्म भरवाए जाते थे.
प्रॉपर पटना हाईकोर्ट के नाम से बनाई गई फर्जी वेबसाइट पर इनकी पूरी जानकारी अपलोड की जाती थी. हाईकोर्ट के नाम से बनाए गए मेल के जरिए इंटरव्यू शेड्यूल की जानकारी कैंडिडेट्स को समय समय पर दी जाती थी. ताकि कैंडिडेट्स को किसी तरह की शंका नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया था.पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के अंदर रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन करने की एक निजी कंपनी है. उसे सतीश नाम का शख्स रन करता है. इसी कैंपस में कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग दी जाती थी.