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गोपालगंज में शराब माफियाओं पर छापेमारी, पुलिस टीम पर हमला; राइफल छीनी गई, कई जवान घायल



24CITYLIVE/गोपालगंज, बिहार: गोपालगंज जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मदरवानी गांव में मंगलवार (17 जून 2025) की रात शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस हिंसक झड़प में होमगार्ड जवान अवधेश तिवारी का सर्विस राइफल भी छीन लिया गया और एक पुलिस अधिकारी सहित तीन जवानों को चोटें आई हैं। घटना रात लगभग 7 बजे की बताई जा रही है।
घटना का विस्तृत विवरण
हमले और राइफल छीनने की घटना:
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मदरवानी गांव में कुख्यात शराब माफिया अजय यादव के होने की खुफिया जानकारी मिली थी। इसी सूचना पर फुलवरिया पुलिस की एक टीम अजय यादव को दबोचने के लिए गांव पहुंची। पुलिस ने अजय यादव को पकड़ लिया था, लेकिन उसी दौरान कुछ ग्रामीणों ने एकजुट होकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया। ग्रामीणों के हमले का फायदा उठाकर अजय यादव पुलिस हिरासत से फरार हो गया। इसी क्रम में, होमगार्ड जवान अवधेश तिवारी से उनकी सर्विस राइफल भी छीन ली गई।
पुलिस जवानों को चोटें:
इस हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि, चोटें गंभीर नहीं बताई जा रही हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही आनन-फानन में हथुआ के एसडीओ आनंद मोहन गुप्ता सक्रिय हुए। उन्होंने मीरगंज और श्रीपुर थाना से अतिरिक्त पुलिस बल को मदरवानी गांव के लिए रवाना किया। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी।
जांच और आगे की कार्रवाई
जांच और गिरफ्तारी:
पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छीनी गई राइफल को बरामद कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में एक बुजुर्ग महिला सहित दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एसडीपीओ इस पूरे मामले की जांच और आगे की कार्रवाई में जुटे हुए हैं। पुलिस अधिकारी अभी तक इस मामले पर खुलकर कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।
शराब माफियाओं पर शिकंजा:
पुलिस कप्तान ने बताया कि मदरवानी गांव में कई अन्य शराब माफियाओं के नाम भी सामने आए हैं, जिन पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जो इन शराब माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि ये शराब माफिया उत्तर प्रदेश से शराब की तस्करी कर बिहार में बेच रहे थे। पुलिस इन तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गई है।
निष्कर्ष:
पुलिस ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और फरार हमलावरों तथा शराब माफियाओं की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी को लागू करने में पुलिस को आ रही चुनौतियों को उजागर किया है।

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