24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: राजधानी पटना स्थित एकता भवन के बैरक में संदिग्ध परिस्थिति में सिर में गोली लगने से एएसआई अजीत कुमार सिंह की मौत के मामले में गांधी मैदान पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जिस बैरक में घटना हुई वहां करीब 20 पुलिसकर्मी थे, लेकिन घटना के बाद सभी चले गए हैं।
पुलिस वहां रहने वाले जवानों की जानकारी के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र है, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके।
प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिजनों ने हत्या का संदेह जताया है। इसलिए पुलिस हत्या के कोण से भी मामले की जांच कर रही है। केस का अनुसंधानकर्ता गांधी मैदान थानेदार सीताराम प्रसाद को बनाया गया है। दरअसल, एएसआई अजीत कुमार के पिता विनोद सिंह ने इस मामले में गांधी मैदान थाने में हत्या का केस दर्ज कराया है। प्राथमिकी में उन्होंने लिखा है कि अजीत के नाम से कोई हथियार जारी नहीं था।
जिस पिस्टल से उसे गोली मारी गई, वह एसटीएफ जवान नागेंद्र कुमार सिंह उर्फ नागराज की है। वह पास के ही बेड पर सोता था, जिसके कारण उन्हें पूरा विश्वास है कि अजीत की हत्या की गई है। उन्होंने बताया कि अजीत की पत्नी और दो नाबालिग बेटी और बेटा हैं। उन्हें नौकरी एवं सरकारी सहायता दी जाय, ताकि उनका भरन पोषण हो सके। उधर शनिवार की रात भोजपुर जिला के तरारी थाना क्षेत्र के बड़कागांव में अजीत कुमार के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दोस्त की पिस्टल से लगी गोली
गौर हो कि एकता भवन के भूतल स्थित बैरक में शनिवार सुबह संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से एएसआई अजीत कुमार सिंह की मौत हो गई थी। मौके से पुलिस ने एक पिस्टल और खोखा बरामद किया था। अजीत पुलिस लाइन में प्रतिनियुक्त थे। जांच में जुटे अधिकारी ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि अजीत और नागेंद्र की अच्छी दोस्ती थी। नागेंद्र सरकारी पिस्टल तकिये के नीचे लेकर सोता था। घटना के वक्त वह शौचालय गया हुआ था। आशंका है कि इसी दौरान उनकी पिस्टल से घटना हुई। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।