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बिहार में ‘पोषण भी-पढ़ाई भी’ कार्यक्रम से आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिलेगा उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण



24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना/16/मई:राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप, बिहार का समाज कल्याण विभाग राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, विभाग की सचिव बन्दना प्रेयषी के कुशल मार्गदर्शन में एक महत्वाकांक्षी राज्यव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘पोषण भी-पढ़ाई भी’ का शुभारंभ किया गया है।
यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम 13 मई से शुरू होकर 31 मई तक चलेगा और राज्य के 24 जिलों की 374 परियोजनाओं में कार्यरत 77916 आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित करेगा। इस पहल का मुख्य लक्ष्य राज्य में पोषण के साथ-साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) की नींव को और मजबूत करना है।
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गया, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सीवान, वैशाली और जमुई जिलों की आंगनबाड़ी सेविकाएं उत्साहपूर्वक भाग ले रही हैं। कार्यकर्ताओं को उनके स्थानीय स्तर पर ही प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, इस कार्यक्रम का आयोजन परियोजना स्तर पर किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूरगामी लक्ष्य आंगनबाड़ी केंद्रों को आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित कार्यबल से लैस करके जीवंत शिक्षण केंद्रों में रूपांतरित करना है। इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम आंगनबाड़ी सेविकाओं की क्षमताओं को बढ़ाना है, जिससे वे खेल-आधारित मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और सार्थक शिक्षा प्रदान कर सकें।
प्रशिक्षण मॉड्यूल में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा विकसित दो महत्वपूर्ण शैक्षणिक पाठ्यक्रम शामिल हैं – “नवचेतना”, जो 0 से 3 वर्ष के छोटे बच्चों के प्रारंभिक विकास पर केंद्रित है, और “आधारशिला”, जो 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए एक व्यापक ईसीसीई पाठ्यक्रम है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही सेविकाओं को प्रशिक्षण किट भी प्रदान की जा रही है, जिसमें आधारशिला साप्ताहिक कैलेंडर और नवचेतना मासिक पाठ्यक्रम जैसी महत्वपूर्ण सामग्री शामिल है। यह सुनिश्चित करेगा कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों में इन गतिविधियों को नियमित रूप से लागू कर सकें।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविकाएं बच्चों के शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक और कलात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगी। इसके अतिरिक्त, वे मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल विकसित करने में भी सक्षम होंगी। प्रशिक्षण में पोषण 2.0, सक्षम आंगनबाड़ी, पोषण ट्रैकर, स्वस्थ आहार व्यवहार, एसएएम/एमएएम प्रबंधन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसे महत्वपूर्ण पोषण संबंधी विषयों पर भी विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लिंग समानता को बढ़ावा देने, बच्चों के लिए स्नेहपूर्ण और सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने, दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक पहचान करने और उन्हें समावेशी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल करने जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक पहलुओं पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
यह ‘पोषण भी-पढ़ाई भी’ कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग के उस अटूट संकल्प का प्रतीक है, जिसके तहत राज्य के सभी बच्चों को उनके प्रारंभिक वर्षों में उच्च गुणवत्ता वाले पोषण, देखभाल और शिक्षा का अधिकारपूर्ण माहौल सुनिश्चित किया जा सके। यह प्रशिक्षण प्रयास निस्संदेह भविष्य में एक मजबूत और गुणवत्तापूर्ण ईसीसीई प्रणाली की आधारशिला रखने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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