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बिहार में आज से संसद के बजट सत्र के अलावा तीन राज्य विधानसभाओं के मानसून सत्र की भी शुरुआत

24CITYLIVE:आज से संसद के बजट सत्र के अलावा तीन राज्य विधानसभाओं के मानसून सत्र की भी शुरुआत होने जा रही है. इनमें बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं. तीनों ही राज्यों की विधानसभाओं का मानसून सत्र आज से शुरू होकर 26 जुलाई तक चलेगा.

बिहार में कानून-व्यवस्था से लेकर पेपर लीक जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है. मानसून सत्र के दौरान बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में कुल 5-5 बैठकें होंगी. सदन में आज राज्यपाल की तरफ से स्वीकृत किए गए विधेयक पटल पर रखे जाएंगे. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी वित्तीय वर्ष 2024-25 का प्रथम अनुपूरक बजट सदन में रखेंगे.

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन यानी 23 और 24 जुलाई को राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य संपन्न किए जाएंगे. 25 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी. 26 जुलाई को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य और गैर सरकारी संकल्प के कार्य किए जाएंगे. 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश होगा. जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे या विशेष पैकेज की मांग केंद्र से की है. अगर केंद्रीय बजट में इस मांग से जुड़ा कोई ऐलान या प्रबंध किया जाता है, तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखा सकती है.

बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष की नजरें केंद्रीय बजट पर

यदि केंद्रीय बजट में बिहार को कुछ नहीं मिला तो विपक्षी महागठबंधन को राज्य की एनडीए सरकार को घेरने का एक और मौका मिल जाएगा. ओडिशा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले रविवार को भुवनेश्वर में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई. सुबह 11 बजे के लगभग शुरू हुई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने की. अन्य लोगों के अलावा, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा और कनक वर्धन सिंह देव के साथ-साथ कैबिनेट मंत्रियों और भाजपा विधायकों की टीम ने बैठक में भाग लिया.

बीजेपी सरकार पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों गेट और रत्न भंडार खुलवाकर अपना चुनावी वादा पूरा कर दिया है. इसे वह ओडिशा विधानसभा के मानसून सत्र में अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखाएगी. विपक्षी दल बीजेडी के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं होगा, क्योंकि मोहन चरण माझी की सरकार को सत्ता में आए अभी सिर्फ कुछ महीने ही हुए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी कांग्रेस कानून-व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को घेरने के लिए तैयार है, जिससे सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं.
कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर साय सरकार को घेरेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि वह बिगड़ती कानून-व्यवस्था खासकर पिछले महीने बलौदाबाजार शहर में हुई हिंसा के विरोध में 24 जुलाई को राज्य विधानसभा का घेराव करेगी. राजधानी रायपुर में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार के पिछले 7 महीनों के कार्यकाल में रायपुर में गोलीबारी की चार घटनाएं हुई हैं. अंतरराज्यीय गैंगस्टर भी छत्तीसगढ़ में पैर पसार रहे हैं. राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी और यह 26 जुलाई को समाप्त होगी.

वहीं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति बनाई है. सत्ता पक्ष का कहना है कि कांग्रेस विपक्ष का धर्म निभा रही है, इसलिए उसे विकास दिखाई नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 26 जुलाई तक चलेगा. कांग्रेस विपक्ष का धर्म निभा रही है. उसके पास कोई मुद्दा नहीं है. हमने 6-7 महीने में छत्तीसगढ़ में विकास की गंगा बहा दी है, जो कांग्रेस देख नहीं पा रही है. हमारी सरकार ने आते ही ऐतिहासिक काम किया है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी सरकार के दो महीने आदर्श आचार संहिता में चले गए. बावजूद इसके हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति दी, ₹3100 प्रति क्विंटल के रेट से 21 मिट्रिक टन धान की खरीदी की. किसानों को 2 वर्ष का बकाया बोनस और अंतर की राशि दी गई. 70 लाख से ज्यादा महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत ₹1000 प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. रामलला दर्शन योजना की शुरुआत हो गई है. इसके अलावा भी कई काम इस दौरान किए गए. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 6 महीने के अंदर ही भाजपा सरकार के सुशासन की पोल खुल गई है. रसोइया से लेकर पटवारी, शिक्षक, अतिथि शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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