24CITYLIVE/बिहार: पटना में एक एएसआई ने शुक्रवार 1 नवंबर को सिर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. गांधी मैदान थाना क्षेत्र स्थित ट्रैफिक संचालन कार्यालय एकता भवन के बैरक में एएसआई की लाश मिली है.
मौके पर सेंट्रल एसपी स्वीटी सहरावत और एफएसएल की टीम पहुंच कर जांच में जुटी है.
आरा के रहने वाले थे एएसआई
मृतक की पहचान अजीत सिंह के तौर पर हुई है, जो भोजपुर जिले के तरारी थाना क्षेत्र के बड़कागांव का रहने वाला थे. गांधी मैदान पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम भी इस घटना की जांच कर रही है. वे पुलिस लाइन में तैनात थे. बताया जाता है कि जहां पर मृतक की बॉडी पड़ी हुई है, वहां पर से सटे बहुत सारे बेड हैं. एक छत के नीचे कई पुलिस कर्मी रहते हैं. एएसआई आत्महत्या मामले में सिटी एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि हर बिंदु पर जांच चल रही है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
सिटी एसपी का कहना?
जब सिटी एसपी से पूछा गया कि अजीत सिंह छुट्टी नहीं मिलने के कारण परेशान थे, तो इस पर उन्होंने कहा कि सभी मामले की जांच की जा रही है. एफएसएल टीम भी जांच कर रही है. वहीं इस मामले में एएसआई के पिता विनोद सिंह ने रोते हुए कहा कि हमने दीपावली में बुलाया था वह नहीं आए. मैंने कहा कि छठ में आ जाओ, तो कहा कि कहां छुट्टी मिलेगी. छुट्टी मिला तभी आ पाएंगे.
पिता ने बताया कि अजीत सिंह 2007 में बिहार पुलिस में कांस्टेबल बने थे, उन्हें 4 महीने पहले ही प्रमोशन मिला था. उनके तीन बेटे और एक बेटी है. पटना से पहले वे भभुआ में पोस्टेड थे. अजीत सिंह का एक भाई आर्मी में है, दूसरा गांव में ही बिजनेस करता है और तीसरा रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात है.
वहीं, पिता विनोद सिंह ने कहा कि घर से कोई प्रेशर नहीं था. कौन मारा या क्या हुआ, मुझे कुछ पता नहीं है. परिजनों ने कई तरह के आरोप लगाए हैं .मृतक के पिता ने कहा है कि उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी. उन्होंने दावा किया कि मेरा बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता .उनके दूसरे परिजनों ने कहा की गोली मारने के बाद ढाई घंटे तक उनकी बॉडी पड़ी रही, लेकिन उसे किसी ने छुआ तक नहीं. जबकि, उसे अस्पताल भी ले जाना चाहिए था. परिजनों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है.