24CITYLIVE:पंजाब में कपूरथला जिला पुलिस ने फायर करके जेल से आए आतंकी को छुड़ाने की कोशिश को उस समय नाकाम कर दिया, जब जेल से आई पुलिस व पीसीआर कर्मी तुरंत उनके पीछे लग गए और फायरिंग के बीच जान पर खेलकर आतंकी व उसके साथी को दबोच लिया।
हालांकि इस दौरान आतंकी का पीछा करते हुए एक पुलिस कर्मी जख्मी भी हो गया। एसएसपी कपूरथला वत्सला गुप्ता ने प्रेसवार्ता में इस टेरर मॉड्यूल को बेनकाब करने के लिए जांच तेज कर दी है।
मंगलवार की दोपहर को कपूरथला में उस समय दहशत का माहौल पैदा हो गया, जब सिविल अस्पताल की एमरजेंसी के बाहर मेडिकल करवाने आए कथित केएलएफ के आतंकी जश्नप्रीत सिंह उर्फ जश्न को छुड़वाने के लिए आए उसके साथी अमृतपाल निवासी गांव बचड़ेए तरनतारन को अपने पास सिविल अस्पताल में बुलवाया था।
पुलिस के मुताबिक, जश्नप्रीत की फरारी की योजना पहले से थी, जिसके चलते अमृतपाल उसके पास आकर बैठ गया और उसने वहां पर मौजूद पुलिस अधिकारियों पर फायरिंग कर दी, लेकिन गोली किसी को नहीं लगी। चकमा देकर जश्नप्रीत सिंह अमृतपाल की बाइक के पीछे बैठ गया और वहां से फरार हो गए।
इस पर पीसीआर टीम के इंचार्ज चरणजीत सिंह, एएसआई मंगा सिंह, जसपाल सिंह, परमजीत सिंह, कमलजीत सिंह तथा सिक्योरिटी ब्रांच के जगदीश लाल ने उसका पीछा कर उसे सब्जी मंडी के पास घेरकर दबोच लिया। पीछा करते समय अमृतपाल सिंह ने पुलिस टीम पर भी फायर किए। पुलिस ने उसके पास से ग्लोक पिस्टल और 10 कारतूस बरामद किए।
पुलिस और बदमाशों की झड़प का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस कर्मी की पगड़ी भी उतर गई और एक पुलिस कर्मी जख्मी हो गया। एसएसपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि 23 वर्षीय किला कवि संतोख सिंह पत्ती नूर की, जिला तरनतारन निवासी जश्नप्रीत सिंह उर्फ जश्न आतंकी है। उस पर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते यूएपीए लगा हुआ।
इसके अलावा उस पर मर्डर-हत्या के प्रयास समेत पांच केस दर्ज हैं। जबकि उसको भगाने आए 24 वर्षीय अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत पर हत्या का केस दर्ज हैं। दोनों तरनतारन में एक मर्डर के केस में जेल में बंद थे। इस मामले में जेल से बेल पर बाहर आए हुए थे। जबकि जश्न पर बाकी मामलों में सजायाफ्ता है।
एसएसपी ने बताया कि यह टेरर मॉड्यूल है, जिसे जिला पुलिस की बहादुरी ने नाकाम कर दिया है। इनसे बरामद ग्लोक पिस्टल आम नहीं मिलता है। इसे पुलिस इस्तेमाल कर करती है। इस पूरे घटनाक्रम को विदेश में बैठे देश विरोधी लोगों ने रचा है। अमृतपाल को तो बस कुछ पैसों के लिए भेजा गया। जश्न को छुड़ाने के पीछे क्या मकसद है, इसके बारे में पुलिस पता लगाने में जुट चुकी है।
उन्होंने माना कि इसका पूरा नेक्सस विदेश और बाॅर्डर पार पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर केएलएफ की ओर से पुलिस पर हमले की जिम्मेदारी लेने की पोस्ट वायरल हो रही है। जबकि पुलिस पर हमले वाली कोई बात नहीं। एसएसपी ने कहा कि अदालत से दोनों का रिमांड हासिल किया गया है जिसमें कई अहम खुलासे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।