
24CITYLIVE/पटना सिटी: तप, त्याग और साधना की प्रतिमूर्ति तपस्वी संत सराक केशरी मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी महाराज ससंघ का बुधवार सुबह पटना सिटी स्थित हाजीगंज के पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन गुरारा मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। उनके आगमन पर जैन समाज ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
मीडिया प्रतिनिधि प्रवीण जैन ने बताया कि मुनि श्री के सानिध्य में विशेष रूप से अभिषेक पूजन किया गया। इस अवसर पर विश्व शांतिधारा पाठ का उच्चारण मुनि विशल्य सागर महाराज के मुखारबिंद से हुआ, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मुनि श्री की आहारचर्या गुलजारबाग स्थित कमलदह दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र में संपन्न हुई।

पटना दिगम्बर जैन समाज ने अपने पूज्य साधु-संतों का स्वागत पाद प्रक्षालन और मंगल आरती कर किया। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने मस्तक पर मंगल कलश धारण किए हुए ‘गुरुदेव की जय’ के जयघोष से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।
जैन मुनि की कठोर चर्या
जैन मुनि के संघस्थ ब्रह्मचारिणी अलका दीदी ने दिगम्बर जैन मुनियों की कठिन चर्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दिगम्बर जैन मुनि अपने तन पर एक वस्त्र तक धारण नहीं करते और 24 घंटे में केवल एक बार ही जल-आहार ग्रहण करते हैं। वे नंगे पाँव ही लंबी पदयात्राएं करते हैं। मुनि श्री विशल्य सागर महाराज नवादा और पावापुरी तीर्थ की यात्रा कर महामुनि श्री सेठ सुदर्शन स्वामी की निर्वाण भूमि कमलदह, पटना पहुंचे हैं।
आगामी कार्यक्रम
यह भी बताया गया कि 31 मई और 1 जून को सुदर्शन पथ स्थित कमलदह जैन मंदिर में शिखर कलशारोहण और ध्वज स्थापना का महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैन मुनि श्री के सानिध्य में होना तय है।
मुनि श्री के पदविहार में सुनील छाबड़ा, सुबोध जैन, प्रवीण जैन, अजित जैन, सम्यक जैन, आशीष जैन, उमंग जैन, रौशन जैन, सोनू जैन, अशोक जैन छाबड़ा समेत काफी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने अपने पूज्य संत के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त किए।