
24CITYLIVE/बिहार/पटना: बिहार में कश्मीर, नगालैंड समेत उत्तर-पूर्वी एवं अन्य राज्यों के लाइसेंस पर निर्गत हथियारों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर इससे जुड़ा निर्देश दिया है।
इसके लिए एक महीने की समयसीमा तय की गई है। एक माह के भीतर सभी जिलाधिकारियों से दूसरे राज्यों से जारी लाइसेंस पर निर्गत हथियारों की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है।
विभागीय आदेश के अनुसार, दूसरे राज्यों से जारी लाइसेंस पर हथियार रखने वालों को एक माह के अंदर थाना स्तर पर सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। सत्यापित नहीं होने वाले हथियार अवैध माने जाएंगे।
इस आधार पर लाइसेंस धारकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। गृह विभाग ने लाइसेंस व उसके आधार पर निर्गत हथियारों के सत्यापन को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी निर्धारित कर रखी है।
नहीं हो रहा प्रक्रिया का पालन
गृह विभाग के अनुसार, राज्य में बड़ी संख्या में नागरिक उत्तर पूर्व के नगालैंड, जम्मू कश्मीर व अन्य राज्यों से अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं। उनके द्वारा न तो प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और न ही अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
आशंका है कि संगठित अपराध करने और आपराधिक वर्चस्व स्थापित करने में भी इन हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लाइसेंसधारियों का स्थायी पता या उनके आपराधिक इतिहास के संबंध में थाना से सत्यापन भी नहीं कराया जाता है।
कई बार लाइसेंस पर यूआइएन (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) भी जाली अंकित किया जाता है। इस गठजोड़ में शस्त्र विक्रेता भी भागीदार होते हैं। शस्त्र विक्रेता न सिर्फ जाली लाइसेंस पर अत्यधिक मुनाफा लेकर आधुनिक हथियारों की बिक्री करते हैं, बल्कि एक ही लाइसेंस पर अनेकों हथियार बेच दिए जाते हैं।