24CityLive: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बुधवार को बेंगलुरु को कहा कि इसरो ने अगले तीन महीनों में तीन प्रमुख रॉकेट प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि इन रॉकेट में छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी), प्रक्षेपण यान मार्क-3 (एलवीएम-3) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) शामिल हैं. गगनयान के प्रक्षेपण के बारे में सोमनाथ ने कहा कि गगनयान का उड़ानपरीक्षण अप्रैल या मई महीने में किया जा सकता है.
सोमनाथ अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता एवं अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा, “जनवरी और फरवरी के अंत तक, हम एसएसएलवी के प्रक्षेपण की योजना बना रहे हैं. उसके बाद अगला मिशन एलवीएम-3 होगा… उसके बाद पीएसएलवी वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए फिर प्रक्षेपित होगा. यह अगले तीन महीनों के लिए तत्काल लक्ष्य है.”
गगनयान का उड़ान कब तक
गगनयान के बारे में सोमनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गगनयान का उड़ान परीक्षण अप्रैल या मई महीने में किया जा सकता है. गगनयान चालक दल के साथ अंतरिक्ष भेजने से जुड़ा भारत का महत्वाकांक्षी मिशन है.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरुकता (एसएसए) और अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन (एसटीएम) के मामले में देश अभी शैशवावस्था में है और एजेंसी इस क्षेत्र में क्षमताओं का विकास चाहती है. उन्होंने कहा कि इसरो देश में पर्यवेक्षण मंचों के निर्माण के लिए तकनीकी क्षमता प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है जिससे दुनिया में परस्पर सम्मान प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
भारत के हित बढ़ रहेः सोमनाथ
उन्होंने कहा, “एसएसए और एसटीएम के इस विशेष क्षेत्र में भारत के हित बढ़ रहे हैं. हम भारत में असैन्य और सुरक्षा संबंधी पहलुओं, दोनों में क्षमताओं का विकास चाहते हैं.”
अंतरिक्ष विज्ञानी ने कहा, “हम भारत में अवलोकन मंच बनाने के लिए तकनीकी क्षमता हासिल करने की, वैश्विक अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता के मामले में भविष्यवाणी करने तथा योगदान देने की क्षमता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और अंतत: जब तक हम इस क्षेत्र में मजबूत नहीं होंगे, कोई परस्पर सम्मान नहीं मिलेगा.” वह शहर में इस विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. इस क्षेत्र की कंपनियों के प्रतिनिधियों और दुनियाभर के विभिन्न हिस्सों से आए विशेषज्ञों ने कार्यशाला में भाग लिया.सोमनाथ ने कहा कि आपसी सम्मान हासिल करने का लक्ष्य है ताकि भारत और अन्य देशों के बीच परस्पर आंकड़ों और सूचनाओं को साझा किया जा सके.