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नालंदा में साइबर ठगों पर बड़ी कार्रवाई: पांच गिरफ्तार, दर्जनों मामले उजागर


24CITYLIVE/नालंदा, 15 जून 2025: नालंदा पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक भारत सोनी के विशेष निर्देश पर कतरीसराय थाना क्षेत्र के कतरडीह गांव में शनिवार सुबह एक विशेष छापेमारी कर पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। इन ठगों के पास से 11 एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल देश के विभिन्न राज्यों में ठगी के लिए किया जाता था।
कैसे हुई कार्रवाई?
स्थानीय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। थानाध्यक्ष को “खैर इस्लामिक फाइनेंस” के नाम पर सस्ते दरों पर लोन देने का झांसा देकर लोगों से ठगी किए जाने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने राजगीर के पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार सिंह और गिरीयक इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज से विचार-विमर्श के बाद एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम में एसआई आदित्य कुमार, एएसआई मनीष कुमार, एएसआई रूदल पासवान, पीटीसी लालू कुमार सहित कई पुलिसकर्मी शामिल थे, जिसका नेतृत्व स्वयं थानाध्यक्ष कर रहे थे।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस टीम ने कतरडीह गांव के कई घरों में तलाशी ली और पांच साइबर अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में:
* अभिषेक सिंह उर्फ दिलीप कुमार (20 वर्ष), पिता – उचित सिंह
* रवि कुमार उर्फ अंकित राज (25 वर्ष), पिता – उमेश सिंह
* अमरेश कुमार (27 वर्ष), पिता – सुचित सिंह
* प्रभात कुमार उर्फ प्रभात सिंह (34 वर्ष), पिता – श्रवण सिंह
* विक्रम कुमार (23 वर्ष), पिता – रंजीत पासवान
शामिल हैं। ये सभी कतरडीह, थाना कतरीसराय, जिला नालंदा के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से 11 एंड्रॉयड मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच में यह सामने आया है कि इनका उपयोग साइबर ठगी में किया जा रहा था।
आपराधिक पृष्ठभूमि
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बरामद मोबाइल नंबरों पर विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी के दर्जनों मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से रवि उर्फ अंकित और अभिषेक सिंह के खिलाफ पहले भी साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं और वे पूर्व में जेल भी जा चुके हैं। जेल से छूटने के बाद उन्होंने दोबारा इस आपराधिक गतिविधि को अपना लिया था।
थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने पुष्टि की है कि सभी बरामद मोबाइल फोन और गिरफ्तार आरोपी साइबर अपराध में लिप्त पाए गए हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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