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10 लाख का ईनामी नक्सली अमरजीत यादव ने किया सरेंडर, रांची का कौलेश्वरी जोन हुआ नक्सल मुक्त।

24CITYLIVE:रांची झारखंड में नक्सली जोनल कमांडर 10 लाख के इनामी अमरजीत यादव उर्फ लखन यादव सहित पांच नक्सलियों ने सोमवार को सरेंडर कर दिया. रांची में आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर व सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने ये नक्सली हथियार डाल दिए.

इनमें पांच लाख का इनामी सब जोनल कमांडर सहदेव उर्फ लटन यादव, नीरू यादव उर्फ सलीम, संतोष भुईया सुकन और सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया शामिल हैं. इन पर झारखंड और बिहार में कुल मिलाकर 223 केस दर्ज हैं. सिर्फ जोनल कमांडर अमरजीत पर कुल 81 केस हैं .

इसके साथ ही झारखंड में बूढ़ा पहाड़, झुमरा और पारसनाथ के बाद अब 30 साल से लाल आतंक का गढ़ चतरा का कौलेश्वरी जोन भी नक्सलमुक्त हो गया. 35 दिन के मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए. रीजनल कमेटी सदस्य इंदल गंझू ने हाल ही में सरेंडर किया था. इससे पहले भी पांच नक्सलियों ने पहले ही सरेंडर कर दिया था. अब दो बड़े नक्सली सब जोनल कमांडर मनोहर गंझू और अरविंद ही बचे हैं. वे भी सरेंडर के लिए पुलिस के संपर्क में हैं.

ये हथियार पुलिस को सौंपे

सरेंडर करते वक्त नक्सलियों ने भारी मात्रा में हथियार भी पुलिस को सौंपे हैं. जिनमें एक एके 56 राइफल, एक एसएलआर, एक इंसास राइफल, एक मार्क राइफल, एक 30 एमएम यूएस राइफल, दो देसी बंदूक, एक पिस्टल, 1855 कारतूस, 41 मैगजीन, आईईडी बनाने का पाउडर- 25 किलो पोटाश, 16 वायरलेस सेट.

6 माह पहले जाने से डरती थी पुलिस

चतरा के कौलेश्वरी इलाके में 90 के दशक में नक्सलियों की हुकूमत चलती थी. यहां नक्सली दिनदहाड़े जन अदालत लगाकर फैसला सुनाते थे. पुलिस भी यहां जाने से डरती थी. करीब एक साल पहले नक्सलियों ने पुलिस पर हमला तेज कर दिया. पिछले साल 18 सितंबर को चतरा- पलामू बॉर्डर पर सीकीद बलही जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इसमें सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवान चितरंजन कुमार घायल हो गए थे बाद में उनकी मौत हो गई थी.


मुठभेड़ में 25 लाख का इनामी ढेर

इसके बाद पुलिस ने नक्सलियों की मांद में घुसकर खदेड़ना शुरू किया. 28 जनवरी को कुंदा के जंगल में नक्सली राजेश बैगा उर्फ राजेश परहिया मारा गया. फिर तीन अप्रैल को चतरा पलामू बॉर्डर पर नौडीहा जंगल में भीषण मुठभेड़ हुई, इसमें 25 लाख का इनामी सैक मेंबर गौतम पासवान, अजीत उरांव उर्फ चार्लिस और सब जोनल कमांडर अमर गंझू, अजय यादव उर्फ नंदू व संजीत भुईया मारा गया. गौतम और चालीस नक्सलियों का रोल मॉडल था. इनके मारे जाने के बाद उनका मनोबल टूट गया. इसी बीच पुलिस ने 15 लाख के इनामी सब जोनल कमांडर इंदल गंझू का सरेंडर करवा दिया. यही टर्निंग प्वाइंट था और फिर पुलिस ने परिजनों पर दबाव बनाया और पांच नक्सलियों ने एक साथ हथियार डाल दिए.

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