
24CITYLIVE/पटना, 31 मई 2025: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में आज पटना की विजिलेंस कोर्ट ने नौबतपुर के तत्कालीन दारोगा अजित कुमार राय को दोषी ठहराया है। अदालत ने अजित राय को 3 साल की सश्रम कारावास और 10,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि अजित राय जुर्माने की राशि जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
निगरानी कोर्ट पटना के न्यायाधीश मो० रूस्तम ने आज यानी 31 मई 2025 को यह फैसला सुनाया। यह मामला शिकायतकर्ता श्यामनंदन से जुड़ा है, जिनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। श्यामनंदन ने आरोपी दारोगा अजित कुमार राय से मोटर यान निरीक्षक से जांच करवाने के लिए आवेदन भेजने का अनुरोध किया था, जिसके बदले में अजित राय ने उनसे 10,000 रुपये की घूस की मांग की थी।
शिकायत मिलने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने 8 दिसंबर 2016 को दारोगा अजित कुमार राय को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच तत्कालीन पुलिस निरीक्षक किरण पासवान ने की थी, जिन्होंने सटीक और समय पर आरोप-पत्र दायर किया। बिहार सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक (निगरानी ट्रैप) किशोर कुमार सिंह ने प्रभावी तरीके से पैरवी की, जिससे आरोपी को दोषी सिद्ध कराने में सफलता मिली।
साल 2025 में अब तक कुल 11 ट्रैप मामलों में न्यायालय द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष 2024 में कुल 18 मामलों में सजा सुनाई गई थी। यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ न्यायालयों में अभियोजन की कार्यवाही लगातार जारी है।