
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, बिहार: फुलवारीशरीफ थाने में 2024 में दर्ज एक भूमि विवाद के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आरोप है कि बिना उचित जांच किए, एकतरफा कार्रवाई करते हुए दो लोगों को जेल भेज दिया गया था। इस गंभीर लापरवाही के चलते, प्रथमदृष्ट्या दोषी पाए जाने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष (SHO) और मामले के अनुसंधानकर्ता (IO) को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, सिटी एसपी को इस दर्ज कांड का दोबारा पर्यवेक्षण (review) करने का आदेश दिया गया है।
क्या था पूरा मामला?
वर्ष 2024 में फुलवारीशरीफ में एक जमीन विवाद का मामला थाने पहुंचा था। इस मामले में एक पक्ष के आवेदन पर केस भी दर्ज किया गया। आरोप है कि केस के अनुसंधानकर्ता ने शिकायतकर्ता (वादी) के बयान पर ही भरोसा किया और बिना किसी गहन अनुसंधान के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जेल भी भेज दिया गया था, जिससे पीड़ित पक्ष को भारी परेशानी हुई।
IG के हस्तक्षेप के बाद हुई कार्रवाई
पीड़ित पक्ष ने इस एकतरफा और मनमानी कार्रवाई की शिकायत वरीय पुलिस अधिकारियों से की, जिसके बाद यह मामला सीधे आईजी (IG) तक पहुंच गया। पहले इस केस का विस्तृत रिव्यू किया गया।
बुधवार को आईजी स्वयं फुलवारीशरीफ थाने पहुंचीं और संबंधित केस से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच की। जांच में पाया गया कि इस मामले में न केवल भारी लापरवाही बरती गई, बल्कि संबंधित आईओ ने नियमों के अनुसार सही से अनुसंधान तक नहीं किया। उन्होंने केवल वादी पक्ष के बयान के आधार पर ही कार्रवाई कर दी थी। इस दौरान आईजी के साथ अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी थाने में मौजूद रहे।
न्याय सुनिश्चित करने के लिए पुन: पर्यवेक्षण
इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में एक स्पष्ट संदेश गया है कि बिना उचित जांच और सबूतों के आधार पर की गई एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब सिटी एसपी इस पूरे केस का दोबारा पर्यवेक्षण करेंगे ताकि निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित हो सके।