घटनाजुर्मदेशन्यूज़प्रशासनिकबिहारराज्यहेडलाइंस

पुलिस रिमांड में रोशन मुखिया ने खोले राज, SSC परीक्षा में फर्जीवाड़ा? एक छात्र से वसूले जाते थे इतने रुपये



24CITYLIVE/बिहार/पूर्णिया: एसएससी ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के माध्यम से फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के हर सदस्यों ने इस खेल में अपना- अपना काम बांट रखा था।

इस गिरोह के मुख्य सरगना नालंदा के रहने वाले रोशन मुखिया ने रिमांड के दौरान पुलिस के समक्ष पूछताछ में कई अहम खुलासा किया है।

उसने बताया है कि सेंटर मैनेज से लेकर जिसकी परीक्षा होती थी, उसको मैनेज करने का काम गिरोह के अलग- अलग सदस्य करते थे।

उसने बताया कि पूर्णिया डिजीटल में जो फर्जीवाड़ा किया जा रहा था, उसके लिए एसएससी को मैनेज करने का काम शेखपुरा के रहने वाले उसके गिरोह के मुख्य साथी नीरज उर्फ गौतम ने संभाला था।

इसके अलावा टीसीएस को मैनेज करने का काम वैशाली के विवेक ने संभाल रखा था। उसने ही टीसीएस से मिलकर अमन आशीष को वेन्यू हेड बनवाया और उसके सहयोग से इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया।

इस फर्जीवाड़े के एवज में टीसीएस का वेन्यू हेड अमन आशीष प्रति छात्र 80 हजार एवं टीसीएस का अन्य सहयोगी को प्रति छात्र 25 हजार की रकम वसूलता था।

पूछताछ के दौरान रोशन मुखिया ने स्वीकार किया कि एसएससी के फ्लाइंग आफिसर इजहार आलम से टीसीएस के वेन्यू हेड आदित्य कुमार अमन एवं रोशन मुखिया के चालक बबलू ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

रोशन मुखिया ने बताया कि एसएससी परीक्षा के लिए पूर्णिया डिजीटल का सेंटर कोड जेनरेट कराने का काम भी शेखपुरा के बरबीघा के रहने नीरज कुमार उर्फ गौतम, जिसके पिता का नाम जयराम प्रसाद, पटेल नगर, शेखपुरा एवं वैशाली के रहने वाले विवेक कुमार ने किया था।

इसके एवज में एसएससी को मोटी रकम का भुगतान किया गया था। रोशन मुखिया ने पूछताछ के दौरान बताया कि पूर्णिया डिजीटल में एसएससी की परीक्षा कब होगी, इसकी ईमेल के जरिए सूचना एक माह पहले ही आ चुकी थी और इसी समय के दौरान छात्रों को मैनेज करने का काम किया गया।

छात्रों से बातचीत से लेकर कितने में सौदा तय होगा, यह उसका चालक बबलू एवं वैशाली के विवेक मिलकर तय करते थे।

रोशन मुखिया ने यह भी बताया कि फर्जीवाड़ा के पूरे खेल को संचालित करने के लिए टीसीएस के वेन्यू हेड अमित अमन को एक लाख 15 हजार रूपये का सैमसंग कंपनी का मोबाइल फोन भी खरीदकर दिया गया था।
11 नवंबर 2024 से ही चल रहा था ऑनलाइन सेंटर पर फर्जीवाड़ा

पुलिस ने भले ही पूर्णिया डिजीटल ऑनलाइन सेंटर पर फर्जी वाड़ा का मामला 13 नवंबर 2024 की तीसरे शिफ्ट की परीक्षा में पकड़ा लेकिन इस ऑनलाइन सेंटर पर 11 नवंबर से ही फर्जीवाड़ा का खेल खेला जा रहा था।

रोशन मुखिया ने पूछताछ में खुलासा किया कि 11 नवम्बर 2024 को पहले शिफ्ट की परीक्षा में 13 फर्जी परीक्षाथियों को परीक्षा दिलाई गयी जबकि दूसरे शिफ्ट में 20 फर्जी परीक्षाथियों को बिठाया गया था।

इसी तरह 12 नवंबर 2024 की परीक्षा के पहले शिफ्ट में नौ फर्जी परीक्षार्थियों को बिठाकर परीक्षा दिलाई गयी तो तीसरे शिफ्ट में आठ फर्जी छात्रों को बिठाया गया।

रोशन मुखिया ने पूछताछ में स्वीकार किया कि पुलिस ने 13 नवंबर 2024 को तीसरे शिफ्ट में 13 फर्जी परीक्षाथियों को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था, उसके पूर्व दूसरे शिफ्ट में भी 13 फर्जी परीक्षाथियों को परीक्षा दिलाया जा चुका था।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!