
24CITYLIVE/बिहार/बेगूसराय: बिहार में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं, वहीं छवि सुधारने के लिए आला अधिकारी लगातार कोशिश भी कर रहे हैं। ग़ैर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब भी तलब किया जा रहा है।
ताज़ा मामला बेगूसराय ज़िला के लरुआरा पंचायत का है, जहां पंचायत भवन निर्माण को लेकर उपजे विवाद ने पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिये।
बेगूसराय में एक पुलिस अधिकारी के आचरण के खिलाफ सार्वजनिक शिकायत के बाद कानून और प्रशासनिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। लारुआरा में सरकारी पंचायत भवननिर्माण में हो रहे विवादों से निपटने के लिए पुलिस की टीम पहुंची थी।
मामला तब और बिगड़ गया जब लरुआरा पंचायत में निर्माण परियोजना को लेकर सदर एसडीओ से कथित तौर पर विवाद के बाद मोहम्मद आरिफ को हिरासत में लिया गया। इस दौरान सिंघौल थाना प्रभारी से मिलने गए रजौरा पंचायत के मुखिया को से बदसलूकी की गई। इसके बाद मुखिया ने घटना की सूचना मुखिया संघ को दी।
बेगूसराय जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष मोहम्मद हसन ने मामले की एसपी मनीष कुमार को दी। सूत्रों की मानें डीआईजी के निर्देश के बाद एसपी मनीष कुमार ने मामले में संज्ञान लेते हुए सिंघौल थाना प्रभारी अमित कुमार को लाइन हाज़िर कर दिया। वहीं अमित कुमार के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक अलग विभागीय जांच की बात कही है।
अमित सिंह के लाइन हज़िर होने पर स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़े, पुलिस के आचरण के खिलाफ जनता की शिकायतें दूर की जा सके और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इस जांच का उद्देश्य विभाग के भीतर गहन जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। पुलिस कर्मियों के आचरण में किसी भी तरह की चूक को दूर करने के लिए कड़ा संदेश है।