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भागलपुर में हत्या के आरोपी ने पुलिस को दिया चकमा, पेशी के दौरान कोर्ट से हुआ फरार



24CITYLIVE/बिहार:भागलपुर जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे 8 की अदालत में उपस्थिति के लिए लाया गया बंदी पुलिस को चकमा देकर मंगलवार को फरार हो गया. घटना के बाद पुलिस उसे ढूंढने में जुट गयी.

इस बात की जानकारी तिलकामांझी थाने की पुलिस को भी दी गयी है. तिलकामांझी पुलिस ने संबंधित पुलिस पदाधिकारी को मामले में आवेदन देकर केस दर्ज कराने काे कहा है.

19 साल पहले के मामले में पेशी के लिए लाया गया था आरोपी

कोर्ट से भागने वाले बंदी अभियुक्त को भागलपुर रेल थाना में 19 साल पूर्व वर्ष 2005 में दर्ज हत्याकांड के मामले में पेशी के लिए जेल से कोर्ट लाया गया था. फरार अभियुक्त मूल रूप से नवगछिया के बिहपुर स्थित कोदरा, मिश्रा अठगामी का रहने वाला है. वह नाथनगर के रामचंद्रपुर गांव में रहता था. उसके विरुद्ध अकबरनगर थाना में विगत वर्ष 2021 में गोली मारकर हत्या करने और बिहपुर में भी वर्ष 2021 में गोली मार कर हत्या करने के प्रयास के मामले में केस दर्ज हैं.

पुलिस प्रक्रिया में उलझी, तो मौका देखकर फरार हुआ आरोपी

जानकारी के अनुसार एडीजे 8 की अदालत में भागलपुर रेल थाना में वर्ष 2005 में दर्ज संजीव मंडल हत्याकांड के मामले में सुनवाई चल रही है. जेल में बंद कांड के अभियुक्त योगेंद्र मंडल उर्फ जोगेंद्र मंडल उर्फ कारे मंडल को कोर्ट में लाया गया था. उसे पहले स्टेशन हाजत में रखा गया. जहां से उसे भागलपुर जिला बल के अभिरक्षा में कोर्ट ले जाया गया. कोर्ट रूम में उपस्थिति को लेकर हस्ताक्षर कराने के लिए पुलिस कर्मी ने उसकी हथकड़ी खोली थी. इसी बीच पुलिसकर्मी कागजी प्रक्रिया में उलझ गये. इसका फायदा उठाकर योगेंद्र मंडल मौके से फरार हो गया. करीब दो मिनट बाद जब पुलिसकर्मी ने उसकी खोजबीन की तो वह कोर्ट में नहीं मिला.

दो घंटे की तलाश के बाद भी कोर्ट में नहीं मिला आरोपी

आसपास मौजूद लोगोंं से पूछने पर उन्होंने जानकारी दी कि जो कैदी उनके साथ आया था वह टहलते हुए कोर्ट के बाहर निकल गया. इसके बाद पुलिसकर्मी ने करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर और उसके बाहर उसे ढूंढने का प्रयास किया. इसके बाद पुलिसकर्मी और स्टेशन हाजत प्रभारी द्वारा इसकी जानकारी भागलपुर जेल प्रबंधन और तिलकामांझी थाना को दी गयी.

इस मामले में लाया गया था कोर्ट

25 अगस्त 2005 को कमाई के लिए दिल्ली ले जाने के दौरान संजीव मंडल को सुल्तानगंज और अकबरनगर के बीच उतार लिया गया था. इसके बाद उसका शव नारायणपुर स्थित बहियार से पांच दिन बाद बरामद किया गया था. उक्त मामले में मृतक की मां गीता देवी के लिखित आवेदन पर हत्या का केस दर्ज कराया गया था.

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