
24CITYLIVE: अमिता बच्चन की शहादत की खबर सुनकर उनके पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। अमिता बच्चन (32) मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर प्रखंड के शामपुर सहायक थाना क्षेत्र के बहिरा पंचायत अंतर्गत भदौरा गांव निवासी गणेश सिंह के पुत्र थे।
इस दुखद घटना से पूरा गांव गमगीन है। पिता को छोड़कर पूरा परिवार वैशाली के लिए निकल गया है।
पिता को नहीं है घटना की जानकारी
अमिता बच्चन के ग्रामीण लक्ष्मण कुमार सिंह का कहना है कि परिवार में उनके पिता हैं जो काफी वृद्ध हैं। गांव का हर कोई इस घटना से अवगत है लेकिन अमिता बच्चन के पिता जी गणेश सिंह को किसी ने घटना की जानकारी नहीं दी है। वह अक्सर बीमार रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वह दिल के भी मरीज हैं है। गांव में आज हर तरफ सन्नाटा है। ऐसा लगता है कि जैसे हर घर ने आज अपना बेटा खोया है इसलिए पूरा गांव आज मातम मना रहा है।
जानिए अमिता बच्चन से जुड़ी अन्य बातें
अमिता की प्रारंभिक शिक्षा भदौरा गांव में हुई थी। फिर वृंदावन हाई स्कूल गालिमपुर से मैट्रिक और नरेन्द्र सिंह महाविद्यालय खड़गपुर से उन्होंने इंटर किया था। शहीद अमिता बच्चन वर्ष 2015 में बिहार पुलिस में नियुक्त हुए थे। नियुक्ति के दो साल बाद वर्ष 2017 को चुआबआग की कोमल को उन्होंने अपनी जीवन संगिनी बनाकर जीवन भर साथ देने का वायदा किया था। उनकी दो संतानें हैं- 5 वर्षीय पुत्र अर्णव तथा 3 वर्षीय पुत्री पुकी कुमारी। दो भाई और चार बहनों में एक थे अमिता बच्चन। उनकी सभी बहनों की शादी हो चुकी है। एक छोटा भाई है जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता है।
गांव के लोगों को है उनपर गर्व
ग्रामीणों का कहना है कि अमिता बच्चन सामान्य परिवार के थे लेकिन काफी मेहनती थे। उनके गांव का हर कोई आज कह रहा है कि अमिता ने कर्तव्य और साहस दिखाते हुए लूट कांड का विरोध करते हुए अपनी जान दे दी। हमलोगों को उनपर गर्व है लेकिन असमय अमिता के खोने का दर्द और दुःख भी है। ग्रामीणों के कहा कि कुछ दिन पहले ही वह छुट्टी में घर आये थे। वह काफी मिलनसार और हंसमुख थे। उनकी शहादत से आज पूरे गांव की आँखें नम हैं लेकिन उन आँखों में उनका मुस्कुराता चेहरा हमेशा तैरता रहेगा।