
24CityLive: आईएएस अधिकारी बताकर महज 12वीं कक्षा पास एक व्यक्ति ने दो निजी कंपनियों से 11.30 करोड़ रुपये ठग लिये। बाद में आरोपी फरार हो गया। अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपी को कोलकाता से दबोचा है।
पकड़े गए आरोपी की पहचान राजस्थान निवासी प्रेम रतन शर्मा के रूप में हुई है।
आरोपी ने निजी कंपनियों को मणिपुर और नागालैंड में एलईडी बल्ब का सरकारी टेंडर दिलवाने नाम पर ठगी की थी। आरोपी के फरार होने के बाद उसके खिलाफ एलओसी जारी करने के अलावा गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था। आरोपी विदेश फरार होने की फिराक में था। कोलकाता एयरपोर्ट पर आरोपी को इमिग्रेशन विभाग ने दबोचा।
बाद में दिल्ली पुलिस को खबर दी गई। पुलिस आरोपी को दो दिन की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है। इससे पूर्व आरोपी उत्तर-पूर्वी राज्यों में 48 लाख रुपये ठगी कर चुका है। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त एम आई हैदर ने बताया कि आरोपी ने दिल्ली के पॉश एरिया में अपना दफ्तर बनाया हुआ था। इस बीच एक बिचौलिये जोजी रेड्डी के जरिये वह शिकायतकर्ता कंपनियों मालिकों के पास पहुंचा। आरोपी ने खुद को उत्तर-पूर्वी राज्यों में तैनात आईएएस अधिकारी बताया।
उसने दोनों को भरोसा दिलाया कि वह उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़े टेंडर उनको दिला सकता है। दोनों का विश्वास जीतने के बाद आरोपी ने एक पीड़ित को नागालैंड में 58.49 करोड़ का टेंडर दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद दूसरे को मणिपुर में 27.40 करोड़ का टेंडर दिलवाने की बात की। दोनों को प्रेम रतन पर यकीन हो गया। आरोपी ने सिक्योरिटी के नाम पर दोनों से 6.50 और 4.80 करोड़ रुपये ले लिये। इसके बाद पीड़ितों को टेंडर के फर्जी पेपर भी दे दिए। बाद में पीड़ितों को टेंडर के फर्जी होने का पता चला। आरोपी ने भी अपने सभी मोबाइल बंद कर लिये। वह अपने सभी दफ्तरों पर ताले मारकर फरार हो गया।
शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। इस बीच आरोपी के खिलाफ एलओसी जारी करने के अलावा गैर जमानती वारंट भी ले लिये गए। इस दौरान आरोपी को कोलकाता इमिग्रेशन विभाग ने दबोच लिया। बाद में दिल्ली पुलिस की टीम ने आरोपी को वहां पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया।