24CITYLIVE/गोपालगंज:बोधगया से जादोपुर थाने की पुलिस ने 2.5 क्विंटल गांजा (मादक पदार्थ) को कूरियर वाहन से जब्त किया और मंगलपुर लाकर 70 किलोग्राम रिकवरी दिखा दी. बचे हुए गांजा को लाखों रुपये में दूसरे तस्कर से डील कर बेच दिया गया.
गांजा को बरामद कर बेचने का खुलासा होने पर पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने थानेदार पिंटू यादव को सस्पेंड कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए बीती रात सारण डीआईयू नीलेश कुमार ने जांच की.
वहीं, इसके पीछे किन-किन लोगों का हाथ था, इसकी जांच कर कार्रवाई चल रही है. पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का मानना है कि इस जांच के घेरे में जादोपुर थाने के चौकीदार से लेकर पुलिस के ऑफिसर तक आयेंगे. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक के कड़े रूख के बाद कईयों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.
चौकीदारों से SP ने की पूछताछ
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों की माने तो गांजा का तस्करों के साथ डील कराने के बाद थाने के दो चौकीदार हवाई जहाज से घूमने के लिए कोलकाता चले गये. इनको एयरपोर्ट पर देखा भी गया था. चौकीदारों से भी पुलिस अधीक्षक ने गहन पूछताछ किया है और गांजा की तस्करों से डील कराने से लेकर जब्ती के बारे में जानकारी ली गयी है. जादोपुर में कब-कब गांजा बरामद हुआ और कितना रिकवरी दिखाया गया, इसकी भी जांच शुरू हो गयी है.
क्या थानेदार को बचाने की रची गयी थी साजिश?
एक अक्टूबर को जादोपुर थाने में गांजा बरामदगी के मामले की एफआइआर दर्ज हुई. पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उसी दिन पुलिस के एक बड़े ऑफिसर थाने में पहुंचकर जांच भी किये. जाहिर सी बात है कि तस्कर से भी पूछताछ की गयी होगी. गांजा के बैकवर्ड और फरवर्ड लिंक के बारे में जानकरी ली गयी होगी. उस समय यह मामला सामने नहीं आया कि गांजा ढ़ाई क्विंटल था और उसमें से 180 किलोग्राम कहां गया. ऐसे में लोग सवाल उठा रहें हैं कि थानेदार को बचाने की साजिश तो नहीं रची गयी.
थानेदार से गांजा खरीदनेवालों पर नहीं हुई कार्रवाई
जादोपुर के थानेदार पर 180 किलोग्राम गांजा बेचने का आरोप है. इनमें जादोपुर थाना क्षेत्र के रहनेवाले रितिक सिंह के जरिये सासामुसा के तस्कर शोएब आलम के हाथों बेचने की बात सामने आयी है. ऐसे मामले में दोनों तस्करों पर किसी तरह की कार्रवाई अबतक नहीं हो सकी है. गांजा की बरामदगी के लिए भी पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन इसकी भनक तस्करों को पहले ही मिल गयी और समय रहते गांजा को दूसरे ठिकाने पर ले जाकर खपा दिये. ऐसे में लोग इन तस्करों पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठा रहे हैं.
सात दिनों में मांगा गया है थानेदार से जवाब
पुलिस अधीक्षक ने जादोपुर, विशंभरपुर, कुचायकोट और विजयीपुर के थानेदार से सात दिनों में लिखित जवाब मांगा है. निलंबित थानेदारों के जवाब आने के बाद पुलिस अधीक्षक की ओर से नियमानुसार विभागीय कार्रवाई शुरू की जायेगी. पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का मानना है कि इसमें कमेटी गठित कर जांच करायी जायेगी और दोषी थानेदार से लेकर पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है.