24CITYLIVE/गोपालगंज:सिविल कोर्ट में पेशी के लिए आये विशाल सिंह की हत्या की साजिश चनावे जेल में बंद कुख्यात अपराधियों ने रची थी. शुक्रवार को गिरफ्तार किये गये सीवान के हमलावर सुरेश सिंह ने पुलिस की पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है.
पुलिस ने कोर्ट परिसर में हुए हथियार से हमले को लेकर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसमें जेल में बंद अपराधियों और शागिर्दों समेत सात लोगों को नामजद किया गया है. मतलब साफ है कि मीरगंज थाना क्षेत्र के मटिहानी नैन के रहनेवाले कुख्यात विशाल सिंह की हत्या कराने की साजिश पूरी प्लानिंग के साथ रची गयी थी और इसमें कई अपराधी शामिल थे. पुलिस ने जिन लोगों को अभियुक्त बनाया है, उनमें जेल में बंद शंभू सिंह, तुलसिया के मनू तिवारी के अलावा भगवान तिवारी, पंकज सिंह, आकाश सिंह, पवन सिंह और गिरफ्तार सुरेश सिंह शामिल हैं.
पुलिस को क्या पता चला
एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि कोर्ट परिसर में हुए हमले के बाद गिरफ्तार हमलावर सुरेश सिंह ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सुरेश सिंह सीवान का रहनेवाला है और वह जेल में बंद शंभू सिंह और मनु तिवारी के लिए काम करता था. पुलिस को यह भी पता चल गया है कि विशाल सिंह को मारने के लिए कितने लोग पहुंचे हुए थे. विशाल सिंह 2012 से अपराध की दुनिया में है. हत्या, रंगदारी, लूट समेत कई संगीन आपराधिक मामले उस पर दर्ज हैं. आपराधिक वर्चस्व और पुरानी दुश्मनी को लेकर हत्या की साजिश रचने की बात कही जा रही है.
हालांकि इस घटना के बाद से पुलिस ने जेल से आनेवाले कैदियों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर सख्ती और बढ़ा दी है. जेल में बंद अपराधियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है. वहीं, शंभू मिश्रा व मनु तिवारी से हाल के दिनों में मुलाकाती करनेवाले के बारे में भी पुलिस जांच कर रही है. पुलिस की अबतक की कार्रवाई में एकमात्र सुरेश सिंह की गिरफ्तारी हो सकी है, बाकी के अभियुक्त में शंभू व मनु जेल में बंद है और अन्य फरार हैं.
मेटल डिटेक्टर से की जा रही जांच
कोर्ट परिसर में हुए घटना के बाद पुलिस शनिवार को अलर्ट रही. इंट्री प्वाइंट से लेकर सभी गेट पर पुलिस बल की तैनाती थी. मेटल डिटेक्टर से कोर्ट परिसर में इंट्री करनेवाले एक-एक की जांच की जा रही थी. बैग-झोला आदि की जांच करने के बाद ही लोगों को कोर्ट परिसर में प्रवेश कराने दिया जा रहा था. महिलाओं की जांच के लिए महिला पुलिस मेटल डिटेक्टर के साथ तैनात थी और महिलाओं की जांच कर रही थी.
सारण डीआइजी ने की घटना की जांच
सिविल कोर्ट में हुई फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए सारण प्रक्षेत्र के डीआइजी निलेश कुमार ने शुक्रवार की रात जांच की. डीआइजी ने एसपी से घटना के बारे में जानकारी ली और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से भी घटना के बारे में पूछताछ की. डीआइजी ने घटनास्थल पर जांच करने के बाद कोर्ट परिसर के आसपास के इलाके में भी जायजा लिया और सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों को कई निर्देश दिये.