24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना:बिहार के दो कुख्यात अपराधी मो. चांद उर्फ मो. आफताब और अभिषेक मेहता उर्फ अभिषेक वर्मा को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. हत्या, रंगदारी, गोलीबारी समेत एक दर्जन केस में ये फरार चल रहे थे.
पटना सिटी इलाके में छोटी पहाड़ी के पास घेराबंदी कर दोनों को पकड़ा गया है.
उनके पास से दो देसी पिस्तौल, दो देसी रिवॉल्वर, 27 जिंदा कारतूस और कैश बरामद किया गया है. चांद पर 2 लाख और अभिषेक मेहता पर 50 हजार का का इनाम घोषित किया गया था. अभिषेक अगमकुआं थाना इलाका, जबकि चांद सुल्तानगंज थाने के महेंद्र का रहने वाला है.
हत्या, रंगदारी और गोलीबारी के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज
मिली जानकारी के अनुसार, तीन महीने से एसटीएफ दोनों की तलाश कर रही थी. इन दोनों पर खाजेकलां, सुल्तानगंज, आलमगंज, चौक समेत कई थानों में हत्या, रंगदारी और गोलीबारी के मामले में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं.
एक दिन पहले ही डॉक्टर से मांगी थी 5 लाख की रंगदारी
बता दें कि पटना पुलिस चांद और अभिषेक का एक महीने से पीछा कर रही थी. इसी बीच चांद और अभिषेक ने पटना सिटी के चौक थाना इलाके में स्थित कुमार डेंटल क्लिनिक के डॉक्टर से 5 लाख की रंगदारी मांगी थी. रंगदारी की रकम नहीं देने पर हत्या करने की धमकी दी गई.
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसके नंबर का लोकेशन लेना शुरू किया.
टीम का गठन-
मामलों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक, नगर (पूर्वी), पटना के निर्देशन में सहायक पुलिस अधीक्षक-01, सदर, पटना की निगरानी एवं अनुमण्डल पटना सिटी द्वितीय डीएसपी डॉ गौरव कुमार के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया, जिसमें अन्य पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया। उसके बाद दोनों की घेराबंदी की गई और स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया. इन दोनों पर आरोप है कि 2 जनवरी 2024 को खाजेकलां थाना इलाके में सोनू उर्फ छोटू उर्फ जोकर की गोली मारकर हत्या की थी.
बार-बार ठिकाना बदल रहे थे दोनों अपराधी
चांद मूल रूप से सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के महेंद्र का रहने वाला बताया जा रहा है. पहले वह इसी पते पर रहता था. फिर वहां से फुलवारी शरीफ में रहने लगा. उसके बाद वह पटना सिटी में भी अलग-अलग ठिकानों पर छुप रहा था. पुलिस ने उसे वर्ष 2011 में जेल भेजा था. जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से अपराध करने लगा. चांद के साथ रहकर अपराध करने वाला अभिषेक भी बार-बार ठिकाना बदल रहा था, पर अपराध करते वक्त साथ रहता था.