
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना.16 मई : बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने गहन समीक्षा शुरू कर दी है। निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने अपने चार दिवसीय बिहार दौरे के पहले दिन पटना में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों, मतदाता सूची की सटीकता, कानून-व्यवस्था, मतदान प्रतिशत बढ़ाने, दिव्यांग और वरिष्ठ मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाओं, और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक के प्रमुख अंश: * मतदाता सूची की सटीकता और युवा पंजीकरण:
* निर्वाचन आयुक्त ने मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से 18-19 वर्ष के युवा मतदाताओं के पंजीकरण पर जोर दिया, क्योंकि इस आयु वर्ग का पंजीकरण अनुमानित जनसंख्या अनुपात की तुलना में बहुत कम है। वर्तमान में, इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 8,08,857 है, जबकि अनुमानित जनसंख्या लगभग 64 लाख है।
* मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्र पदाधिकारियों (बीएलओ), निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (ईआरओ), और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली के साथ-साथ बिहार के प्रमंडल और जिला स्तर पर भी आयोजित किए जा रहे हैं।
मतदान प्रतिशत में वृद्धि:
* निर्वाचन आयुक्त ने बिहार में मतदान प्रतिशत में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया, जो राष्ट्रीय औसत 66.10% की तुलना में काफी कम है। बिहार में पिछला लोकसभा चुनाव केवल 56.28% मतदान के साथ संपन्न हुआ।
* पिछले 10 वर्षों में बिहार का मतदान प्रतिशत लगभग 56-57% के बीच रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए आयोग ने विशेष रणनीति बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने माइक्रो लेवल तक जाकर काम करने की बात कही।
* निर्वाचन आयोग द्वारा इस विषय में नियमित समीक्षा की जाएगी।
* दिव्यांग और वरिष्ठ मतदाताओं के लिए सुविधाएं:
* बिहार में 7,69,046 दिव्यांग और 5,91,347 ऐसे वरिष्ठ मतदाता हैं जिनकी आयु 85 वर्ष से अधिक है।
* निर्वाचन आयुक्त ने इन मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि वे बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें।
* चुनाव तैयारियों की समीक्षा:
* आदर्श आचार संहिता के पालन, कानून-व्यवस्था, मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण, और मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई।
* बिहार में कुल 77,895 मतदान केंद्र हैं।
* एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) की समीक्षा की गई।
* कानून व्यवस्था के लिए राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी श्री कुंदन कृष्णन, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पटना के साथ विस्तृत चर्चा हुई।
* पारदर्शिता और निष्पक्षता:
* निर्वाचन आयुक्त डॉ. जोशी ने निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, शांतिपूर्ण और अधिकतम सहभागिता वाला बनाने पर बल दिया।
* उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्वाचन संबंधी समस्त कार्य निष्पक्षता और समयबद्धता के साथ संपन्न किए जाएं।
* उन्होंने कहा कि सभी सहभागी पक्षों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु प्रशासन को रचनात्मक पहल करनी चाहिए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी:
* मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार श्री विनोद सिंह गुंजियाल
* स्टेट पुलिस नोडल पदाधिकारी श्री कुंदन कृष्णन
* जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी, पटना श्री चंद्रशेखर सिंह
* वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पटना श्री अवकाश कुमार
* अपर सचिव, निर्वाचन विभाग निर्वाचन आयुक्त का आगामी दौरा:
* निर्वाचन आयुक्त डॉ. जोशी अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान मोतिहारी, बेतिया, और वैशाली में भी चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
* शनिवार को मोतिहारी में एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) का निरीक्षण करेंगे तथा बेतिया (पश्चिम चंपारण) में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं बी०एल०ओ० के साथ समीक्षा बैठक एवं क्षेत्रीय भ्रमण करेंगे। रविवार को वे एस०एस०बी०, वाल्मीकि नगर के अधिकारियों से बैठक करेंगे एवं क्षेत्रीय भ्रमण करेंगे। सोमवार को वे वैशाली में क्षेत्र भ्रमण करेंगे।
निर्वाचन आयोग का यह दौरा बिहार में निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।