इंडिया डिफेंसहेडलाइंस

जंगलों में आतंकियों के तलाश में उतरे कोबरा कमांडो, पुंछ में भी सर्च ऑपरेशन

24CITYLIVE : राजोरी में संदिग्ध बदूंकधारी देखे जाने के बाद तीन दिन से आतंकियों की तलाश अभी जारी है। कालाकोट के तत्ता पानी के जंगल में छिपे आतंकियों को ढेर करने के लिए अब 50 कोबरा कमांडो उतारे गए हैं।

इससे पहले ड्रोन व सेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई थी लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। उधर, पुंछ जिले के खनेतर टाप के जंगलों में पुलिस एसओजी, सीआरपीएफ और सेना द्वारा संयुक्त तालाशी अभियान शुरू किया गया है। मौसम में बदलाव और राजोरी में जारी ऑपरेशन को देखते हुए पुंछ में सुरक्षाबलों ने गश्त बढ़ा दी है।

राजोरी में बीते सोमवार को आतंकियों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो पैरा कमांडो व एक जवान घायल हो गए थे। हालांकि इसकी सुरक्षबलों ने पुष्टि नहीं की थी। जंगल में अभी तीन आतंकियों ग्रुप मौजूद होने की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार आतंकियों का सुराग न लगने के बाद अब केंद्र सरकार ने यह काम कोबरा कमांडो को सौंपा है। मंगलवार देर रात को यह निर्णय लिया गया और बुधवार को सुबह 50 कोबरा कमांडो का दल राजोरी के लिए भेजा गया। इन्होंने जंगल में आतंकियों के सफाए के लिए मोर्चा संभाल लिया है।

कोबरा कमांडो को जंगल में लड़ने की होती है विशेष ट्रेनिंग

कोबरा कमांडो सीआरपीएफ का विशेष बल है। इसको घने जंगलों में सक्रिय नक्सली और माओवादी विद्रोहियों से निपटने के लिए बनाया गया है। इन्हें मिजोरम के विशिष्ट काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल में प्रशिक्षित किया जाता है। इनके पास जंगल में लड़ने का विशेष प्रशिक्षण होता है। उन्नत उपकरण, तकनीक के दम पर इनका दुश्मन का सफाया करने का सफलतम ट्रैक रिकॉर्ड है। कोबरा कमांडो 32 हजार से अधिक सफल ऑपरेशन कर चुके हैं। तत्ता पानी के जंगल और पहाड़ियों में आतंकियों के छिपने के सुरक्षित ठिकाने हैं। सुरक्षाबलों के लिए यहां लड़ना मुश्किल हो जाता है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!