
24CITYLIVE/पटना सिटी: कालजयी शायर खान बहादुर नवाब सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी की 97वीं पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति समारोह में लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इससे पहले हाजीगंज के लंगूर गली स्थित उनकी मजार पर चादरपोशी, गुलपोशी व फतेहा पढ़ उन्हें नमन किया गया।
सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नवशक्ति निकेतन के साहित्यिक प्रकोष्ठ शाद अजीमाबादी स्टडी सर्किल के तत्वावधान में अरोड़ा हाउस में आयोजित शाद अजीमाबादी स्मृति सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने की। उन्होंने कहा कि शाद जैसे शायर अब दुर्लभ होते जा रहे हैं। उन्होंने शाद की तुलना ग़ालिब और इकबाल से करते हुए कहा कि शाद गजलों के बेताज बादशाह थे।
उन्होंने कहा कि कहां है ये लोग…। उन्होंने पंच परमेश्वर में पात्र जुम्मन शेख और अलगू चौधरी की भी चर्चा की। संचालन करते हुए महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा कि शाद की नज़्बों में मुल्क का दिल धड़कता है। शाद राष्ट्रीय एकता के पक्षधर शेयर थे। मौके पर वरिष्ठ कवि अनिरुद्ध सिंह, मुंगेर एवं वरिष्ठ शायर जफर सिद्दीकी को शाद अजीमाबादी सम्मान 2024 से तथा कमल किशोर वर्मा ‘कमल’, ज्योति मिश्रा, डॉ कैसर जाहीदी, मो मुस्तफा गजाली को साहित्य और समाज सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने कहा कि शाद उर्दू के मुकम्मल शायर थे और आज शाद की रचनाओं को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।
दूरदर्शन, पटना के कार्यक्रम प्रमुख डॉ राजकुमार नाहर ने शाद की नज्मों को आज भी प्रासंगिक बतलाया । उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से उनकी पुण्यतिथि पर दूरदर्शन पटना की ओर से मुशायरा सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।