
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: खगौल थाना दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर शुक्रवार की सुबह से देर शाम तक छापेमारी जारी रही। छापेमारी का नेतृत्व दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह कर रहे थे।


स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में बल की तैनाती की गई। एसटीएफ और एटीएस की टीमें भी मौजूद रहीं।
यह कार्रवाई खगौल थाने में विधायक और उनके करीबी लोगों के विरुद्ध हुए रंगदारी का एक मामला दर्ज होने के बाद शुरू हुई।
सिटी एसपी (पश्चिमी) शरथ आरएस ने बताया कि एक व्यक्ति की ओर से विधायक रीतलाल यादव और उनके लोगों के विरुद्ध शिकायत की गई थी। इसके बाद कई थानों की टीम बना कर छापेमारी की गई। हथियार ढूंढ़ने को मंगाया गया आर्म्स डिटेक्टर बताया जाता है कि विधायक के गोला रोड और कोथवां स्थित मकानों की घेराबंदी कर तलाशी ली गई।
एटीएस की टीम आर्म्स डिटेक्टर लेकर आई थी। इसका उपयोग जमीन के अंदर गड़े हथियार को खोजने में किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, प्रतिबंधित अथवा गैर लाइसेंसी हथियार नहीं मिले। लेकिन, लगभग 10 लाख नकद व जमीन के कागजात, 14 एग्रीमेंट डिड पेपर , और 77 लाख के 6 ब्लैंक चैक लगभग , एक वॉकी टॉकी बरामद होने की चर्चा है। रंगदारी मांगने की बाबत भी साक्ष्य मिलने की बात सामने आई है, जिसका वरीय अधिकारी विश्लेषण कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पूर्व में भी उनके घर से हथियार मिला था। निजी अंगरक्षक को भी जेल भेजा गया था। सूचना लीक करने वाले पर पुलिस की नजर सूत्रों की मानें तो एक बिल्डर ने रंगदारी मांगने की सूचना खगौल थाने में दर्ज कराई थी। उसने रंगदारी मांगने और अवैध धंधों से जुड़े साक्ष्य भी पुलिस को उपलब्ध कराए थे।
इसके बाद जिला पुलिस ने मुख्यालय से अनुमति मांगी, जिस पर न्यायालय से सर्च वारंट लेकर विधायक के ठिकानों की तलाशी लेने का अनुरोध किया गया। कोर्ट से सर्च वारंट लेने में दो-तीन घंटे लग गए। पुलिस के वरीय अधिकारियों को संदेह है कि कोर्ट के कर्मी ने सर्च आपरेशन की सूचना लीक कर दी।
मुखबिरों के जरिये आरोपित की पहचान करने की कोशिश जारी है। वहीं, पुलिस यह भी पता लगा रही है कि गोला रोड और कोथवां स्थित घरों से छापेमारी पूर्व किसकी गाड़ी कहां के लिए निकली थी? उन पर भी पुलिस की पैनी निगाह है।