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ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों के परिजनों को मिलेगा 50 लाख मुआवजा, गया अब ‘गयाजी’ के नाम से जाना जाएगा


24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना,17 मई: राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद होने वाले बिहार के वीर जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस बैठक में कुल 69 एजेंडों पर मुहर लगी, जिसकी जानकारी मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने दी।
एक अन्य बड़े फैसले में, कैबिनेट ने गया शहर का नाम बदलकर ‘गयाजी’ करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। सरकार ने गयाजी के पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।
बैठक में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में दो फीसदी की वृद्धि शामिल है। सातवें वेतनमान वाले कर्मियों का डीए अब 53 फीसदी से बढ़कर 55 फीसदी हो जाएगा। इसी तरह, पांचवें और छठे वेतनमान वाले कर्मियों के डीए में भी बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से राज्य के खजाने पर 1 हजार 70 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आएगा।
इसके अतिरिक्त, राज्य में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी अब ग्रामीण स्तर पर पंचायत सचिवों को सौंपी गई है। जीविका समूहों के लिए भी एक बड़ी घोषणा हुई है, जिसके तहत ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ का गठन किया जाएगा। इससे जीविका से जुड़ी महिलाओं को ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।
कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ‘बिहार कैंसर केयर एवं रिसर्च सोसाइटी’ के गठन को भी मंजूरी दी है। साथ ही, दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरी में सीधे 4 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। प्रखंड सह अंचल कार्यालयों और उनके परिसरों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी अब जीविका समूहों को दी गई है। राज्य में 1 हजार 69 नए पंचायत सरकार भवनों के निर्माण को भी स्वीकृति मिली है, जिनमें सुधा मिल्क पार्लर भी स्थापित किए जाएंगे।
पटना हाईकोर्ट परिसर में विभिन्न कार्यों के लिए बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए 302 करोड़ 56 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है। ऊर्जा क्षेत्र में, राज्य की दोनों विद्युत वितरण कंपनियों के तहत 104 नए विद्युत शक्ति उपकेंद्रों के निर्माण के लिए 1 हजार 576 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती और नई नियमावलियों को भी मंजूरी दी गई, जिनमें मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, सहकारिता विभाग, वित्त विभाग और मत्स्य विभाग शामिल हैं।
कुछ बड़ी परियोजनाओं को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है, जिनमें अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर परियोजना के तहत सड़क निर्माण, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों का निर्माण और अल्पसंख्यक छात्रावासों की स्वीकृति शामिल है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोधगया में बौद्ध ध्यान एवं अनुभव केंद्र के निर्माण के लिए भी 165 करोड़ 44 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है।
यह कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णयों से भरी रही, जिसका सीधा असर राज्य के नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा।

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