24CITYLIVE/बिहार: पूर्णिया की पुलिस ने एक साथ 35 मुन्ना भाई को धर दबोचा है. इनके पास से 4 लाख 20 हजार रुपये, प्रिंटर और मोबाइल से लेकर नकली कागजात तक जब्त किए गए हैं. यह सभी एसएससी परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों की जगह पर फर्जी परीक्षा सेंटर में परीक्षा देने बैठते थे.
वहीं, इस मामले में पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गुलाबबाग हांसदा रोड स्थित पूर्णिया डिजिटल एग्जामिनेशन सेंटर में केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग ने एमटीएस की परीक्षा का आयोजन किया है, जिसमें कई फर्जी छात्र दूसरे के बदले परीक्षा दे रहे हैं.
एसपी ने मामले की दी जानकारी
सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर एक बड़े छापेमारी दल का गठन किया गया. छापेमारी दल ने पूर्णिया डिजिटल की परीक्षा प्रणाली का निरीक्षण किया. इस दौरान 12 फर्जी छात्र मिले. पूर्णिया डिजिटल के लैब रूम के निरीक्षण के क्रम में छापेमारी दल ने यह पाया कि फर्जी छात्रों की निकासी के दौरान बायोमेट्रिक मिलान नहीं हो पाया. वहीं, पूर्णिया डिजिटल के कार्यालय से सटे हुए बिल्डिंग में छापामारी की गई तो सुरेश चन्द्र के किराए के मकान से 12 मूल छात्र और 02 अन्य कुल 14 व्यक्ति पाए गए. जिनके बदले मुख्य परीक्षा भवन में फर्जी तरीके से दूसरे छात्र परीक्षा दे रहे थे.
पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार छात्रों ने बताया ये लोग पूर्णिया के विभिन्न होटलों में ठहराते हैं और परीक्षा के दिन संस्थान के कर्मियों की मिलीभगत से मूल छात्र के बदले अन्य छात्रों को परीक्षा में शामिल कराया जाता है और बगल के बिल्डिंग से फर्जी केबल नेटवर्क के जरिये फर्जी बायोमेट्रिक प्रणाली का उपयोग करते हुए एग्जामिनेशन लैब में परीक्षा की अवधि में ही इन और आउट कराया जाता है. सुरेश चन्द्र साहा के मकान में ही मूल छात्रों की एसएससी परीक्षा की कॉपी भी भरवाई जाती है.
कैसे करता था गिरोह काम?
इसमें एक संगठित गिरोह काम करता है जिसमें एग्जामिनेशन लैब मालिक, लैब में काम करने वाले कर्मी, विभिन्न परीक्षा माफिया शामिल हैं. इसकी पुष्टि छापेमारी दल ने भौतिक निरीक्षण के क्रम में की. वहीं, गिरफ्तार सभी लोगों से विस्तृत पूछताछ कर इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों एवं विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. दो अन्य को परीक्षा माफिया पूर्णिया डिजिटल एग्जाम सेंटर के बाहर सड़क पर से भी गिरफ्तार किया गया. इस फर्जीवाड़े में एग्जामिनेशन लैब के 7 कर्मी भी शामिल हैं.
इस संबंध में साइबर थाना कांड संख्या 66/24, धारा 318(4)/319(2)/338/ 336(3)/340(2)/61 (2)/111 भारतीय न्याय संहिता एवं 65/66 (सी)/66 (डी) आई०टी० एक्ट, 2000 एवं धारा 9/10/11 सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम, 2024 दर्ज की गई है.