
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना:एसडीपीओ टाउन प्रथम दीक्षा ने जानकारी देते हुए बताया कि चोरी की गई बाइक के साथ करते थे स्नैचिंग अब चढ़े पुलिस के हत्थे मामला हैं, 04 अप्रैल को शाम साढ़े चार बजे, एसआई प्रदीप कुमार के नेतृत्व में यह विशेष टीम कदमकुआं थाना से निकली थी. इस दौरान दरियापुर स्थित कॉलेजियट स्कूल के गेट के पास दो युवकों को एक मोटरसाइकिल पर बैठकर फोन पर बात करते देखा गया. पुलिस को देखते ही दोनों संदिग्ध धीरे-धीरे भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन टीम के अन्य सदस्यों की सहायता से उन्हें तुरंत पकड़ लिया गया. पूछताछ में उनकी पहचान मोहम्मद अमन (उम्र 19 वर्ष, पिता मोहम्मद चांद) और एक नाबालिग (विधि-विरुद्ध बालक) के रूप में हुई.
घिसा हुआ चेचिस नंबर की बाइक बरामद
दोनों संदिग्धों की तलाशी में एक सैमसंग, एक जियो और एक रियलमी कंपनी का मोबाइल फोन बरामद हुआ. साथ ही, उनके पास से मोटरसाइकिल भी जब्त की गई, जिसका चेसिस नंबर घिसा हुआ पाया गया. संदिग्धों से पूछताछ में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला और न ही वे वाहन या मोबाइल के संबंध में कोई वैध कागजात प्रस्तुत कर सके. मोहम्मद अमन ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसके दो अन्य साथी चोरी के मोबाइल की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं और उनके पास भी कई चोरी के फोन मौजूद हैं.
अमन की निशानदेही पर दो और गिरफ्तार
अमन की निशानदेही पर पुलिस टीम बैंक ऑफ बड़ौदा के पास पहुंची, जहां दो अन्य संदिग्ध स्कूटी के पास खड़े दिखे. संदिग्ध व्यवहार के आधार पर उन्हें भी हिरासत में लिया गया. इनकी पहचान शिवम कुमार (उम्र 23 वर्ष, पिता रामकांत सिंह, निवासी जनक किशोर रोड) और कृष्ण गोयल (उम्र 20 वर्ष, पिता अनिल गोयल, निवासी चूड़ी मार्केट, कदमकुआं) के रूप में हुई. इनके पास से दो एंड्रॉयड मोबाइल और एक स्कूटी बरामद की गई. इन दोनों ने भी बरामद सामानों के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब या कागजात प्रस्तुत नहीं किए.
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने सभी बरामद सामानों- मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और स्कूटी को विधिवत जब्त कर लिया. चारों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें नाबालिग को निरुद्ध किया गया.
टीम के अन्य सदस्यों की हो रही है पहचान
इस मामले में कदमकुआं थाना में कांड संख्या 242/25, दिनांक 04.04.2025, धारा 317(4) बीएनए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वर्जन
चार की गिरफ्तारी हुई है. इनमें कुछ स्नेचर है और कुछ मोबाइल एक्सचेंज करने वाले थे. यह लोग संगठित तौर पर मोबाइल स्नेचिंग के बाद फिर बेचने का काम करते थे.