
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना, 09 जून 2025: पटना में ट्रैफिक संचालन के दौरान अवैध वसूली का एक बड़ा मामला सामने आया है। यातायात पुलिस अधीक्षक के व्हाट्सएप पर मिले एक वीडियो फुटेज के आधार पर की गई जांच में चार पुलिसकर्मियों और दो निजी व्यक्तियों द्वारा ट्रक चालकों से अवैध वसूली की पुष्टि हुई है। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत अगमकुआं थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई जारी है।
क्या है पूरा मामला?
बीते कल, 08 जून 2025 को दोपहर 12:22 बजे, पुलिस अधीक्षक, यातायात के व्हाट्सएप पर एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में धनुकी मोड़ पर यातायात संचालन में तैनात कुछ पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों को अवैध वसूली करते हुए दिखाया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात, पटना को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया।
जांच में क्या खुलासा हुआ?
अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात, पटना द्वारा की गई जांच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। इस रिपोर्ट में धनुकी मोड़ पर तैनात सहायक उप निरीक्षक (स०अ०नि०) राम निवास ठाकुर, सिपाही/1967 अविनाश कुमार, सिपाही/165 ललेश कुमार और सिपाही/3412 गणेश कुमार द्वारा अपने कर्तव्य के दौरान ट्रक चालकों से अवैध वसूली कराने के आरोपों की पुष्टि हुई है। जांच में यह भी सामने आया कि इस अवैध वसूली में दीपक कुमार और नवीन कुमार नामक दो निजी व्यक्ति भी शामिल थे, जो पुलिसकर्मियों के माध्यम से वसूली कर रहे थे।
क्या कार्रवाई हुई?
अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात, पटना की जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर, धनुकी मोड़ पर प्रतिनियुक्त इन सभी पुलिसकर्मियों और निजी व्यक्तियों दीपक कुमार और नवीन कुमार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की गई है। अगमकुआं थाने में आज, 09 जून 2025 को कांड संख्या 451/25 के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 (संशोधन अधिनियम-2018) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है।
जांच के दौरान, धनुकी मोड़ पर यातायात संचालन में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी और कर्मियों के मोबाइल, बॉडी वार्न कैमरा और पेन ड्राइव को वीडियो फुटेज के रूप में जब्त कर लिया गया है। इन सभी सबूतों को आगे की कार्रवाई के लिए अगमकुआं थाना भेज दिया गया है।
पुलिस विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी कर्मी या व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पुलिस विभाग पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।