
24CITYLIVE/आदर्श सिंह/पटना: पूरे भारतवर्ष में धनतेरस त्योहार आने से ही दिवाली की शुरूआत हो जाती है. धनतेरस का पर्व लक्ष्मी पूजा और धन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन धनिया को खरीदने की परंपरा है, जो लक्ष्मी की कृपा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
धनिया खरीदने के पीछे का कारण क्या है और इसका यूज पूजा के बाद कहां किया जाता है, आइए जानते हैं यहां…
धनतेरस में धनिया खरीदने की परंपरा इसलिए है क्योंकि इस खास मौके पर माता लक्ष्मी की पूजा में इसका यूज किया जाता है. यह पारंपरिक रिवाज है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है. धनतेरस पर धनिया खरीदना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि पूजा में माता लक्ष्मी को धनिया चढ़ाने से घर में माता लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है. इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
पूजा में माता लक्ष्मी को धनिया चढ़ाने के बाद क्या किया जाता है?
पंडित राकेश चतुर्वेदी के मुताबिक, शहरों में लोग धनतेरस के लिए सूखे धनिया का यूज करते हैं. वहीं गांव में गुड़ और धनिया को मिक्स किया जाता है. पूजा के बाद इस धनिया को तिजोरी में गांठ लगाकर रख देना शुभ माना जाता है.
कब है धनतेरस?
इस साल धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर, मंगलवार को पड़ रहा है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धनतेरस मनाया जाता है. इस खास दिन में भगवान धनवंतरी और कुबेर देव की पूजा की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजे से 8 बजे तक है. वहीं खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 10 से है. इस दिन आप सोना-चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं. झाड़ू और बर्तन खरीदने शुभ माना जाता है. धनतेरस की पूजा और खरीदारी से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सुख की बारिश होती है.